
रायसीना डायलॉग सोमवार से शुरू हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे.यह कार्यक्रम यह बताएगा कि दुनिया के देशों के साथ भारत के रिश्ते कितने प्रगाढ हैं और समय के साथ ये कितने मजबूत हुए हैं. इस कार्यक्रम में 125 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.इनमें न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड और यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा के नाम शामिल हैं. लक्सन उद्घाटन सत्र के प्रमुख वक्ता होंगे.भारत ने इसमें पाकिस्तान को छोड़कर अपने सभी पड़ोसियों को आमंत्रित किया है. 'रायसीना डायलॉग' का यह 10वां संस्करण है. इस बार इसकी थीम रखा गया है, 'कालचक्र'.
दुनिया में मजबूत होती भारत की छवि
वक्ताओं की सूची में कनाडा के कनाडियन सिक्योरिटी इंटेलीजेंस सर्विसेज के निदेशक डेनियल रोगर्स का नाम भी शामिल है. यह कनाडा में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद सुधरे दोनों देशों के रिश्तों का प्रतीक है. रोगर्स के अलावा कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हारपर भी सम्मेलन में आएंगे. वहीं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.

भारत सरकार पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिशें लगातार कर रही है.इसके बाद भी रायसीना डायलॉग में पिछले कुछ सालों से इन इलाकों का प्रतिनिधित्व ठीक से नहीं हो पा रहा है.इस साल फिलीपींस के विदेश मामलों के सचिव एनरिक मैनालो और थाईलैंड के विदेश मंत्री मारिस संजियामपोंगसा इसमें शामिल हो रहे हैं. इनके अलावा ग्लोबल साउथ से घाना, क्यूबा, पेरू, एंटीगुआ और बारबुडा के विदेश मंत्रियों के नाम भी अतिथियों की सूची में शामिल है.
भारत के पड़ोस से कौन-कौन आ रहा है
रायसीना डायलॉग में शामिल होने वाले अतिथियों की सूची में बांग्लादेश के प्रतिनिधि तो हैं, लेकिन पाकिस्तान का नाम इसमें नहीं है.इस सूची में चीन के फूडान विश्वविद्यालय के अधिकारी का भी नाम है. यह दिखाता है कि पिछले साल अक्तूबर में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधर रहे हैं. विदेश मंत्रालय की ओर से अतिथियों की सूची के मुताबिक भूटान के विदेश मंत्री डीएन धुंग्येल, नेपाल के विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफल भी इसमें भाग लेने आएंगे.

रायसीना डायलॉग से पहले स्वीडन के विदेश मंत्री मारिया स्टेनगार्ड से मिलते विदेश मंत्री एस जयशंकर.
कब से हो रहा है रायसीना डायलॉग
'रायसीना डायलॉग' को विदेश मंत्रालय ने 2016 में एक ऐसे मंच के रूप में शुरू किया था, जिस पर दुनिया भर के राजनेता और अन्य मामलों के प्रमुख आएं और समस्याओं पर चर्चा करें. सरकार की कोशिश इसे जर्मनी के म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन और सिंगापुर के शांग्री-ला डायलॉग से आगे ले जाने की है. 'रायसीना डायलॉग' का नाम दिल्ली के रायसीना हिल्स के नाम पर रखा गया है. इसी पर राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, प्रमुख मंत्रालय और संसद स्थित है.
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