- देश में पिछले 11 वर्षों में रेल दुर्घटनाओं में लगभग 90 प्रतिशत की कमी आई है.
- रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे हादसों के कारणों की वैज्ञानिक समीक्षा और सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जा रहा है.
- साल 2004 से 2014 के बीच रेल दुर्घटनाओं की संख्या लगभग 171 थी, जो अब सरकार की सुधारात्मक नीतियों से कम हुई हैं.
देश में रेल दुर्घटनाओं में पिछले 11 सालों में 90% की कमी आई है. हादसों में यह कमी रेलवे के आधुनिकीकरण की वजह से आई है. वहीं हादसों के कारणों पर भी फोकस किया जाता है, ये जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. उन्होंने कहा कि इस तरफ सुरक्षा की स्थिति पर वैज्ञानिक तरीके से फोकस किया गया. देश मे जहां कही भी रेल हादसे होते हैं उसके असल कारणों की समीक्षा की जाती है.
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2014 के मुकाबले कम हुए रेल हादसे
अश्वनी वैष्णव ने राज्यसभा में उत्तराखंड से बीजेपी के सांसद नरेश बंसल के प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि साल 2004 से 2014 के बीच रेल दुर्घटनाओं की संख्या लगभग 171 थीं. यह अब सरकार द्वारा उठाए गए ठोस सुधारवादी कदमों के कारण अब काफी कम हो गई हैं. रेल मंत्री वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकार ने दुर्घटनाओं के मूल कारणों से सबक लेकर कई नये प्रयोग शुरू किए हैं. आज एसेट फेलियर 2 फीसदी से कम रह गया है जो बहुत बड़ा सुधार है.
25 हज़ार में से 80% ट्रेनें समय पर आ रहीं
अश्वनी वैष्णव ने समय पर ट्रेनें चलने को लेकर महत्वपूर्ण बातें करते हुए कहा कि आज रोजाना करीब 25 हज़ार रेलगाड़ियां चलती हैं और जिनमें से 80% रेलगाड़ियां समय पर आती-जाती हैं और अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचती हैं, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. रेलवे के 70 डिवीजन में 25 डिवीजन में ट्रेन 90 प्रतिशत समय से चलती हैं. आज की तारीख में भारतीय रेलवे की ट्रेनें यूरोप के कई देशों से बेहतर समय पर चलती है.
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