भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को 'बदनाम' करने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रयास सफल नहीं होंगे क्योंकि लोग सच्चाई जानते हैं और 2024 में फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना जनादेश देंगे.
पार्टी की यह प्रतिक्रिया राहुल गांधी के उस आरोप के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा और आरएसएस की दिलचस्पी केवल सत्ता में है तथा वे देश को बांटने की दिशा में काम कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लोगों के दुख और दर्द की परवाह नहीं है.
इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि देश में इस समय कोई वैचारिक लड़ाई नहीं चल रही है, बल्कि वंशवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ देश के विकास और प्रगति की लड़ाई चल रही है.
पात्रा ने आरोप लगाया, ''राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस के बारे में अपनी टिप्पणियों से पहले भी देश को गुमराह करने का प्रयास किया और वह आज भी ऐसा कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी का मानना है कि देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है लेकिन यह वास्तविकता नहीं है. एक तरफ विकास की धारा है तो दूसरी तरफ परिवार की धारा.'
भाजपा नेता ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''एक तरफ देश के विकास और प्रगति पर विचार-विमर्श हो रहा है जबकि दूसरी तरफ चिंता यह है कि घोटालों, भ्रष्टाचार, वंशवादी राजनीति को कैसे आगे ले जाया जाए.'
पात्रा ने राहुल गांधी के इस आरोप की भी आलोचना की कि आरएसएस देश के सभी संस्थानों पर कब्जा करना चाहता है और वहां अपने लोगों को तैनात करना चाहता है.
उन्होंने कहा, 'जब मैंने वह वीडियो देखा तो मैं हैरान रह गया. मेरा मानना है कि न्यायपालिका को इसका संज्ञान लेना चाहिए, जहां वह बहुत स्पष्ट रूप से कहते हैं कि एक संस्था के रूप में भारतीय न्यायपालिका भाजपा और आरएसएस के नियंत्रण में है.'
पात्रा ने कहा कि गांधी बार-बार कहते हैं कि निर्वाचन आयोग पर भाजपा और आरएसएस का नियंत्रण है.
उन्होंने कहा, 'मैं (गांधी की टिप्पणी से) हैरान हूं. कुछ दिन पहले जब कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव जीता था तो निर्वाचन आयोग ठीक था. बाकी राज्यों में जब भाजपा जीतती है तो निर्वाचन आयोग (भाजपा के) नियंत्रण में आ जाता है.' उन्होंने आरोप लगाया, ''इस तरह के बयान कांग्रेस की सच्चाई दिखाते हैं.'
पात्रा ने मणिपुर हिंसा पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता के प्रयासों का मकसद समस्या का समाधान खोजना और पूर्वोत्तर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करना नहीं है, बल्कि वहां की मौजूदा स्थिति से राजनीतिक लाभ लेना है.
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