कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को एक ट्वीट कर बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई (unemployment and inflation) को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंंने दावा किया कि देश के बैंक और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) मुसीबत में है तथा इस स्थिति में जनता का मनोबल टूट रहा है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘बैंक मुसीबत में हैं और जीडीपी भी. महंगाई इतनी ज़्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोज़गारी. जनता का मनोबल टूट रहा है और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है.' कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि ‘यह विकास है या विनाश?'
बैंक मुसीबत में हैं और GDP भी। महँगाई इतनी ज़्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोज़गारी। जनता का मनोबल टूट रहा और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 18, 2020
विकास या विनाश?
बता दें कि पूरी दुनिया के कोरोनावायरस की चपेट में आने से पहले भारत में आर्थिक मोर्चे पर कई सेक्टर दबाव और कैश क्रंच का सामना कर रहे थे लेकिन इस वैश्विक महामारी के आने से भारत की पूरी अर्थव्यवस्था और जीडीपी ग्रोथ में खतरनाक तौर पर गिरावट देखी गई. अभी पिछले हफ्ते ही रिजर्व बैंक ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से मंदी का शिकार हो सकती है, जोकि आजादी के बाद पहली बार होगा.
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रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में आर्थिक विकास दर नकारात्मक रही है. जीडीपी दर दूसरी तिमाही में -8.6% सिकुड़ गई है. इसे लेकर भी राहुल ने केंद्र सरकार पर हमला किया था. उन्होंने कहा था कि 'भारत इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की ताकत को कमजोरी में बदल दिया है.'
हालांकि, केंद्र की मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए और बाजार व उपभोक्ताओं के हाथ में पैसा डालने के लिए कई कदमों की घोषणा की है. पिछले हफ्ते ही आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कई सेक्टरों में पैसे डाले गए हैं और कई राहत दी गई है.
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