राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली:
राफेल सौदे पर आरोपों से घिरी रही मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है. राफेल डील पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने एकमत से अपने फैसले में राफेल सौदे को लेकर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं और मोदी सरकार को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी है. बता दें कि राफेल पर मोदी सरकार काफी समय से घिरी थी और विपक्ष ने इसे चुनावी हथियार बनाया था. मगर अब सु्प्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद मोदी सरकार अब विपक्ष पर पलटवार कर सकती है.
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई सारी बातें कहीं हैं:
दरअसल, राफेल सौदे की जांच के मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ फैसला सुनाया. इस मामले में मनोहर लाल शर्मा, विनीत ढांडा, आम आदमी पार्टी के सासंद संजय सिंह, प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा की याचिकाओं पर फैसला सुनाया गया. इन याचिकाओं में राफेल सौदे की कीमत और उसके फायदों की जांच कराने की मांग की गई थी और कहा गया था कि ज्यादा कीमतों पर डील हुई और गलत तरीके से ऑफसेट पार्टनर चुना गया. इसलिए डील को रद्द किया जाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई सारी बातें कहीं हैं:
- इस सौदे को लेकर कोई शक नहीं है और कोर्ट को इस मामले में अब कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है.
- कोर्ट ने साथ में यह भी कहा है कि विमान खरीद प्रक्रिया पर भी कोई शक नहीं है.
- सरकार की बुद्धिमता को पर जजमेंट लेकर नहीं बैठे हैं.
- हमने राष्ट्रीय सुरक्षा और सौदे के नियम कायदे दोनों को जजमेंट लिखते समय ध्यान में रखा है.
- मूल्य और जरूरत भी हमारे ध्यान में हैं.
- कोई शक नहीं कि विमान हमारी ज़रूरत हैं और उनकी गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं है
- हमें 4th और 5th जनरेशन के विमानों की ज़रूरत है. जो हमारे पास नहीं है.
- विमान सौदे की निर्णय प्रक्रिया सही. विमानों के मूल्य पर भी कोर्ट को कोई आपत्ति नहीं.
दरअसल, राफेल सौदे की जांच के मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ फैसला सुनाया. इस मामले में मनोहर लाल शर्मा, विनीत ढांडा, आम आदमी पार्टी के सासंद संजय सिंह, प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा की याचिकाओं पर फैसला सुनाया गया. इन याचिकाओं में राफेल सौदे की कीमत और उसके फायदों की जांच कराने की मांग की गई थी और कहा गया था कि ज्यादा कीमतों पर डील हुई और गलत तरीके से ऑफसेट पार्टनर चुना गया. इसलिए डील को रद्द किया जाए.
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