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This Article is From Apr 15, 2018

भटके कश्मीरी नौजवान समझेंगे, शांति ही एकमात्र रास्ता है : सेना प्रमुख जनरल रावत

''आशा है कि कश्मीर में हालात बेहतर होंगे. कश्मीर में कुछ युवक भटक गए हैं और उन्हें कट्टरपंथ की राह पर ले जाया गया है. उन्हें लगता है कि वे लोग बंदूक के जरिए अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.’’

भटके कश्मीरी नौजवान समझेंगे, शांति ही एकमात्र रास्ता है : सेना प्रमुख जनरल रावत
जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंटरी रेजीमेंट के एक कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत
नई दिल्‍ली: थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि कश्मीर के कुछ नौजवान भटक गए हैं. उन्हें कट्टरपंथी बना दिया गया है. लेकिन जल्द ही इन नौजवानों को समझ आ जाएगा कि बंदूक से किसी का मकसद पूरा नहीं होता, ना आतंकियों और ना ही फौज का. शांति ही एकमात्र रास्ता है. जनरल बिपिन रावत दिल्ली में जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंटरी रेजीमेंट के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात बेहतर करने का एक मात्र रास्ता शांति है. गौरतलब है कि घाटी करीब तीन दशक से आतंकवाद का सामना कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘आशा है कि कश्मीर में हालात बेहतर होंगे. कश्मीर में कुछ युवक भटक गए हैं और उन्हें कट्टरपंथ की राह पर ले जाया गया है. उन्हें लगता है कि वे लोग बंदूक के जरिए अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.’’

रावत ने कहा, ‘‘लेकिन वह वक्त दूर नहीं जब वे इस बात से सहमत हो जाएंगे कि न तो सुरक्षा बल, ना ही आतंकी लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होंगे. हमें साथ में शांति के लिए रास्ता तलाशना होगा और हम उसमें सफल होंगे.’’ उन्होंने कहा कि हालांकि, घाटी में लोगों का एक हिस्सा भटक गया है लेकिन यह संख्या बहुत छोटी है और बड़ी तादाद में लोग शांति के इच्छुक हैं तथा उनका मानना है कि वे लोग भारतीय हैं.

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि कश्मीर में हालात बिगड़ गए हैं. माहौल दूषित हुआ है लेकिन हालात बिगड़े नहीं हैं. रावत ने कहा कि कश्मीरियत को वापस लाना होगा और यह प्रक्रिया कश्मीर विश्वविद्यालय से शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि कश्मीरियत की वास्तविक भावना ‘विविधता में एकता’ है और इस बारे में युवकों को सूचित करना जरूरी है.

VIDEO: बंदूक से किसी का मकसद हल नहीं होता : जनरल बिपिन रावत

उन्होंने कहा कि कश्मीरियत को पुनर्जीवित करने के लिए हमें साथ मिल कर काम करना होगा. यह मुश्किल नहीं है. हमें साथ मिल कर काम करना होगा, एक साथ बैठना होगा, साथ काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हम एकजुट होंगे तथा शांति लाएंगे.

(इनपुट भाषा से...)

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