अमृतसर: पंजाब पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ धर्म और नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच कटुता को बढ़ावा देने के आरोप में एक मामला दर्ज किया है. पुलिस ने बुधवार को बताया कि यह प्राथमिकी 23 जनवरी को अमृतसर के सुल्तानविंड थाने में दर्ज की गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पन्नू को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है और सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया है.
पन्नू ने सोशल मीडिया में पोस्ट किए गए एक वीडियो में कथित तौर पर दावा किया कि अमृतसर के श्री दुर्गियाना मंदिर का हिंदू धर्म में कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है. खालिस्तान समर्थक नेता ने मंदिर प्रबंधन को अपने गेट बंद करने और उसकी चाबियां स्वर्ण मंदिर प्रशासन को सौंपने की भी कथित तौर पर चेतावनी दी.
पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो के आधार पर पन्नू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पन्नू के खिलाफ आईटी कानून के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच कटुता को बढ़ावा देना), 153बी (विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देने वाले बयान देना) और 505 (अफवाह फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले 16 जनवरी को पन्नू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पुलिस महानिदेशक गौरव यादव को परोक्ष रूप से धमकी दी थी. कुछ पत्रकारों को भेजे गए एक ईमेल और ‘पीटीआई-भाषा' को प्राप्त दो वीडियो में पन्नू ने मान की तुलना पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह से की थी, जिनकी 31 अगस्त, 1995 को एक बम विस्फोट में हत्या कर दी गई थी.
पन्नू ने पंजाब पुलिस के महानिदेशक यादव की तुलना पुलिस अधिकारी गोबिंद राम से की जिनकी 1990 में एक बम विस्फोट में मृत्यु हो गई थी.
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