भाजपा नेता तजिन्दर पाल बग्गा की गिरफ्तारी के मामले में केन्द्र को पक्ष बनाने और दिल्ली के जनकपुरी तथा हरियाणा के कुरुक्षेत्र के थानों की छह मई के सीसीटीवी का फुटेज संरक्षित रखने का अनुरोध करते हुए पंजाब सरकार ने शनिवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दो अर्जियां दी हैं. पंजाब सरकार ने आरोप लगाया है कि बग्गा के खिलाफ मोहाली में पिछले महीने दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची राज्य पुलिस की टीम को जनकपुरी और कुरुक्षेत्र थानों में ‘बंधक' बनाकर रखा गया.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने शनिवार को कहा, ‘अदालत द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाने पर उन्होंने (पंजाब सरकार) दो आवेदन दिए हैं.'
पंजाब सरकार के दो आवेदनों में से एक में भारत सरकार और दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पक्ष बनाने का अनुरोध किया गया है. दूसरे आवेदन में अनुरोध किया गया है कि दिल्ली के जनकपुरी थाने और हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पीपली और सदर थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की छह मई की फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश दिया जाए.
पंजाब सरकार ने कथित रूप से बंदी बनाए गए अपने पुलिसकर्मियों के संबंध में शुक्रवार को उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, हालांकि हरियाणा और दिल्ली पुलिस, दोनों ने ही इस आरोप से इंकार किया है. इस मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति ललित बत्रा की पीठ ने की.
जैन ने कहा कि मामले में शामिल सभी पक्षों की सहमति से शनिवार को सुनवाई स्थगित कर दी गई और अब अगली सुनवाई 10 मई को होगी क्योंकि इस संबंध में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका किसी अन्य पीठ के पास है.
सुनवाई के बाद जैन ने कहा, ‘शनिवार को न्यायमूर्ति जी. एस. गिल की पीठ ने मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं