चंडीगढ़:
पिछले डेढ़ साल से पंजाब प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी से त्रस्त हाई कमान अम्बिका सोनी को अध्यक्ष बना सकता है। बताया जा रहा है कि उनके नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रताप बाजवा दोनों सहमत हैं।
प्रदेश में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर भीड़ जुटाने का कैप्टेन अमरिंदर सिंह का दांव काम करता नज़र आ रहा है। कहा जा रहा है कि पार्टी हाई कमान ने उन्हें बागी होने और पंजाब इकाई को टूटने से बचाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा की जगह राष्ट्रीय महासचिव अम्बिका सोनी को यह ज़िम्मेदारी सौंपने का मन बना लिया है। कैप्टेन अमरिंदर अपने किसी खास को यह पद दिलवाना चाहते थे लेकिन उन्हें भी अम्बिका सोनी के नाम पर मना लिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और अमृतसर से सांसद कैप्टेन अमरिंदर सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हाई कमान प्रताप सिंह बाजवा के अलावा किसी को भी अध्यक्ष बना दे, उन्हें मंजूर है। दूसरी तरफ कैप्टेन समर्थक तो उन्हें ही राज्य की कमान सौंपने की वकालत कर रहे हैं। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि मौजूदा वक्त में कैप्टेन अमरिंदर सिंह जैसा दिग्गज नेता पार्टी में और कोई नहीं है। उन्हें समाज के हर वर्ग का समर्थन हासिल है।
कैप्टेन अमरिंदर सिंह के विरोधी कहते हैं कि 2002 से 2007 के बीच मुख्यमंत्री रहते हुए उनसे मिलने के लिए कांग्रेस विधायकों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ती थी। शासन चलने का उनका तौर तरीका किसी महाराजा जैसा है।
कांग्रेस में मचे घमासान में अकाली दल अपना फायदा देख रहा है। उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कांग्रेस हाई कमान डर रहा है कि कहीं कैप्टेन अमरिंदर उनकी पार्टी तोड़कर अलग दल न बना लें।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाई कमान ने सुलह का जो फार्मूला तैयार किया है उसके तहत कैप्टेन अमरिंदर सिंह को विधान सभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी जा सकती है, जबकि किसी दलित नेता को नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा दिया जाएगा।
प्रदेश में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर भीड़ जुटाने का कैप्टेन अमरिंदर सिंह का दांव काम करता नज़र आ रहा है। कहा जा रहा है कि पार्टी हाई कमान ने उन्हें बागी होने और पंजाब इकाई को टूटने से बचाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा की जगह राष्ट्रीय महासचिव अम्बिका सोनी को यह ज़िम्मेदारी सौंपने का मन बना लिया है। कैप्टेन अमरिंदर अपने किसी खास को यह पद दिलवाना चाहते थे लेकिन उन्हें भी अम्बिका सोनी के नाम पर मना लिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और अमृतसर से सांसद कैप्टेन अमरिंदर सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हाई कमान प्रताप सिंह बाजवा के अलावा किसी को भी अध्यक्ष बना दे, उन्हें मंजूर है। दूसरी तरफ कैप्टेन समर्थक तो उन्हें ही राज्य की कमान सौंपने की वकालत कर रहे हैं। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि मौजूदा वक्त में कैप्टेन अमरिंदर सिंह जैसा दिग्गज नेता पार्टी में और कोई नहीं है। उन्हें समाज के हर वर्ग का समर्थन हासिल है।
कैप्टेन अमरिंदर सिंह के विरोधी कहते हैं कि 2002 से 2007 के बीच मुख्यमंत्री रहते हुए उनसे मिलने के लिए कांग्रेस विधायकों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ती थी। शासन चलने का उनका तौर तरीका किसी महाराजा जैसा है।
कांग्रेस में मचे घमासान में अकाली दल अपना फायदा देख रहा है। उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कांग्रेस हाई कमान डर रहा है कि कहीं कैप्टेन अमरिंदर उनकी पार्टी तोड़कर अलग दल न बना लें।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाई कमान ने सुलह का जो फार्मूला तैयार किया है उसके तहत कैप्टेन अमरिंदर सिंह को विधान सभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी जा सकती है, जबकि किसी दलित नेता को नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा दिया जाएगा।
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