दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पंजाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर राज्य सरकार और आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के बीच ठन गई है. पंजाब (Punjab) के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के कार्यालय ने अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ़्रेन्स को इजाजत देने से इंकार कर दिया है. कल एक बजे पंजाब भवन में यह प्रेस कॉन्फ़्रेन्स आयोजित होनी थी. हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) प्रेस कॉन्फ्रेंस करने को लेकर अडिग है. AAP ने हुंकार भरते हुए कहा, “प्रेस कॉन्फ़्रेन्स कर के रहेंगे चाहे कैप्टन कितना ज़ोर लगा लें.”
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गौरतलब है कि पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं. राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सामने आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल चुनौती पेश कर रहे हैं. अकाली दल का बीजेपी के साथ गठबंधन टूट चुका है और इस बार वह बहुजन समाज पार्टी के साथ गठजोड़ कर चुनाव मैदान में उतरेगी. आम आदमी पार्टी को भी पंजाब में ताकत माना जा रहा है. 'आप' संयोजक केजरीवाल का पूरा ध्यान इस समय पार्टी की पंजाब में ताकत और बढ़ाने पर टिका है. पंजाब दौरे से पहले अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पंजाबी में ट्वीट कर कहा, 'पंजाब बदलाव चाहता है. केवल आम आदमी पार्टी ही उम्मीद है.'
आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal Singh Khaira) की अगुवाई वाली पंजाब एकता पार्टी ने हाल ही में कांग्रेस में विलय की घोषणा की है. खेरा और दो अन्य नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. पंजाब विधानसभा में पूर्व में विपक्ष के नेता रहे खैरा ने कहा था कि AAP एक व्यक्ति की पार्टी (one-man show) है और वर्ष 2015 में कांग्रेस छोड़कर अरविंद केजरीवाल की पार्टी ज्वॉइन करना उनकी बड़ी गलती थी.विधायक खैरा के साथ बठिंडा जिले के मउर (Maur) के विधायक जगदेव सिंह और बरनाला जिले के भादौर (Bhadaur) से विधायक पिरमल सिंह खालसा भी थे.
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