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बिल्डर का बेटा, 2 करोड़ की पोर्शे कार, टक्कर में 2 मौतें और सजा- 300 शब्दों का निबंध

पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘इस दुर्घटना के मामले में आरोपी के पिता और किशोर/अभियुक्त को शराब परोसने वाले बार के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत कार्रवाई की जा रही है. ’’

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बिल्डर का बेटा, 2 करोड़ की पोर्शे कार, टक्कर में 2 मौतें और सजा- 300 शब्दों का निबंध
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे शहर में सड़क हादसे में 2 आईटी इंजीनियर की मौत हो गयी. घटना के आरोपी को 14 घंटे के अंदर ही जमानत मिल गयी. जानकारी के अनुसार तेज रफ्तार लग्जरी पोर्शे कार ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे दो लोगों की मौत हो गयी. पुलिस के मुताबिक कार चला रहे 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे हिरासत में लिया गया, आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट  में पेश किया गया, जहां से उसे अदालत ने जमानत दे दी. 

पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘इस दुर्घटना के मामले में आरोपी के पिता और किशोर/अभियुक्त को शराब परोसने वाले बार के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत कार्रवाई की जा रही है. ''

निबंध लिखकर मिल गयी जमानत
नाबालिग आरोपी के जमानत को लेकर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने अपराध को इतना गंभीर नहीं माना कि जमानत से इनकार किया जा सके. अदालत ने शर्तों के साथ युवक को जमानत दी है. 

  • आरोपी को 'सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान' पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का आदेश दिया गया. 
  • 15 दिनों तक यातायात पुलिस के साथ आरोपी को काम करना होगा. 
  • नशा मुक्ति केंद्र जाकर शराब के नशे को छोड़ने के लिए भी आरोपी को कहा गया है. 
  • ट्रैफिक नियमों की जानकारी लेकर उसे फिर से जुवेनाइल कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश भी दिया गया है. 
     

धारा 304 के तहत हुई थी केस दर्ज लेकिन मिल गयी जमानत
घटना के बाद आरोपी युवक के खिलाफ धारा 304 के तहत केस दर्ज किया गया था.  देश में सड़क हादसों के मामलों में मुख्य रूप से दो धाराओं में केस दर्ज होते हैं. धारा 304 और दूसरी धारा 304ए के तहत पुलिस की तरफ से केस दर्ज होते हैं. धारा 304 के तहत दोषी को अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है. हालांकि नाबालिग होने के कारण आरोपी को इसका लाभ मिला और उसे जमानत मिल गयी. 

क्या कहता है कानून
किशोर न्याय अधिनियम की धारा-75 के अनुसार, बच्चे पर वास्तविक नियंत्रण या प्रभार रखने वाले व्यक्ति को दंडित किया जा सकता है यदि वह जानबूझकर बच्चे पर हमला करता है, उसे छोड़ देता है या उसकी उपेक्षा करता है और उसके साथ दुर्व्यवहार करता है, जिससे मानसिक या शारीरिक बीमारी होती है. धारा-77 किसी बच्चे को शराब या मादक पदार्थ देने से संबंधित है.  पुलिस ने बताया कि दुर्घटना करीब सवा तीन बजे कल्याणी नगर में हुई और 17 वर्षीय कार चालक के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

कल्याणी नगर के एक भोजनालय में पार्टी के बाद दोस्तों का समूह अपनी मोटरसाइकिल पर घर लौट रहा था.  प्राथमिकी के अनुसार जब वे कल्याणी नगर जंक्शन पर पहुंचे, तो एक तेज रफ्तार लक्जरी कार ने मोटरसाइकिलों में से एक को टक्कर मार दी, जिससे मोटरसाइल सवार दो लोग गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. 

हादसे के बाद फुटपाथ से टकरा गई कार
एफआईआर में कहा गया है कि  दोनों को टक्कर मारने के बाद कार सड़क किनारे फुटपाथ की रेलिंग से टकरा गई.  सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें लोगों के एक समूह को दुर्घटनाग्रस्त कार से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे चालक की पिटाई करते देखा गया. प्राथमिकी के मुताबिक मृतकों की पहचान अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हुई है. यरवदा पुलिस थाने में कार चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

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