चंडीगढ़. हरियाणा के रोहतक पीजीआई में एमबीबीएस कोर्स में 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरने के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 15 घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संकेत दिए हैं कि बॉन्ड या एग्रीमेंट करने की योजना को फिलहाल वापस नहीं लिया जाएगा.
सरकार द्वारा लागू की गई बॉन्ड पॉलिसी के तहत MBBS स्टूडेंट को प्रतिवर्ष 9.20 लाख रुपये जमा करवाने होंगे. वहीं, 80 हजार रुपये फीस भी देनी होगी. जिस लिहाज से सभी भावी डॉक्टरों को प्रति वर्ष 10 लाख रुपये जमा करवाने पड़ रहे हैं. नई पॉलिसी आने के कारण सभी MBBS स्टूडेंट्स को 4 साल में कुल 40 लाख रुपये जमा करवाने होंगे. छात्र और उनके अभिभावक इस का विरोध कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने हवाला दिया कि सूबे में महज 6 हजार डॉक्टर हैं, जबकि हमें 28 हजार डॉक्टरों की जरूरत है. इसी के चलते सरकारी अस्पताल में सेवा देने के लिए ये पॉलिसी बनाई गई है. रोहतक PGI के दीक्षांत समारोह से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का हेलीकाप्टर उड़ने के करीब 2 घंटे बाद रोहतक पुलिस ने हिरासत में रखने वाले छात्रों को पुलिस स्टेशन से छोड़ने का सिलसिला शुरू किया.
हालांकि, MBBS छात्रों के इस प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार का रुख थोड़ा नरम हुआ है. फिलहाल काउंसलिंग भी स्थगित कर दी गई है, लेकिन जब तक सरकार की तरफ से कोई उच्च स्तरीय कमेटी इनसे बात नहीं करेगी, तब तक ये गतिरोध बना रह सकता है.
MBBS विद्यार्थियों ने कहा कि सरकार जनता से भी उनका अच्छे चिकित्सक से इलाज करवाने का इक छीन रही है. एक पैसे के बल पर तैयार चिकित्सक अच्छा होगा या मेरिट के आधार पर तैयार किया हुआ. मेरिट वालों के सामने फीस का पहाड़ खड़ा कर दिया है, जिस कारण वे दाखिले से वंचित रह रहे हैं.
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