
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) पर यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के करीबी संजय सिंह (Sanjay Singh) की जीत का रेसलर्स (Wrestler Protest) विरोध जता रहे हैं. गुरुवार को संजय सिंह की जीत के बाद रेसलर साक्षी मलिक (Sakshi Mallikh) ने कुश्ती ने संन्यास का ऐलान कर दिया. वहीं, रेसलर बजरंग पुनिया ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया है. बजरंग पुनिया (Bajrang Punia)अवॉर्ड लौटाने प्रधानमंत्री आवास पर गए थे, लेकिन अंदर जाने की परमिशन नहीं मिली तो उन्होंने अवॉर्ड वहीं फुटपाथ पर रख दिया. अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने शुक्रवार को ओलंपिक विजेता पहलवानों से मुलाकात की है. प्रियंका ने पहलवानों की न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिलाया है.
प्रियंका गांधी शुक्रवार को साक्षी मलिक के घर पहुंची थी. वहां उन्होंने साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ मुलाकात की. इस दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद रहे. सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने न्याय की लड़ाई में दोनों पहलवानों का साथ देने का भरोसा जताया. इससे पहले, साक्षी मलिक ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात की.
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दीपेंद्र हुड्डा ने X पर किया पोस्ट
दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत की एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान बहन साक्षी ने अपने साथ हुए घोर अन्याय व केंद्र सरकार की वादाखिलाफी से परेशान होकर कुश्ती खेल से संन्यास ले लिया. ये देश की महिलाओं के सम्मान और खेल जगत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. आज सुबह साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादयान मिले. वे अपने साथ हुई वादाखिलाफी से बेहद आहत थे.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे आग्रह किया कि देशहित में कुश्ती से संन्यास के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और उन्हें विश्वास दिलाया कि न्याय मिलने तक उनका साथ नहीं छोड़ेंगे.''टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने का फैसला किया. इससे एक दिन पहले साक्षी मलिक ने संन्यास की घोषणा की थी.
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पद्मश्री लौटाना बजरंग पूनिया का निजी फैसला- खेल मंत्रालय
इस बीच खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि WFI के अध्यक्ष पद के लिए संजय सिंह के चुनाव के विरोध में बजरंग पूनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला व्यक्तिगत है. लेकिन फिर भी उन्हें इस कदम पर दोबारा विचार करने के लिए समझाने का प्रयास किया जायेगा. मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘पद्मश्री लौटाना बजरंग पूनिया का व्यक्तिगत फैसला है. WFI के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए थे. ''
पैनल ने 15 में से 13 पद पर हासिल की जीत
WFI के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में WFI अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की. इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और पूनिया को काफी निराशा हुई, जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था.
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