
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में बेड की कमी पर केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं. प्रियंका गांधी ने कहा कि जिस समय प्रधानमंत्री जी कोरोना से युद्ध जीत लेने की घोषणा कर रहे थे उसी समय देश में ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर व बेड की संख्या कम की जा रही थी. लेकिन झूठे प्रचार में लिप्त सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सितम्बर 2020 में भारत में 2,47,972 ऑक्सीजन बेड थे, जो 28 जनवरी 2021 तक 36% घटकर 1,57,344 रह गए. इसी दौरान आईसीयू बेड 66,638 से 46% घटकर 36,008 और वेंटीलेटर बेड 33,024 से 28% घटकर 23,618 रह गए. उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि जुलाई 2020 में गृह मंत्री श्री अमित शाह ने ITBP के एक अस्थायी मेडिकल सेंटर का उद्घाटन किया था. जिसमें 10,000 बेड्स की व्यवस्था थी. 27 फरवरी 2021 में ये सेंटर बंद हो गया. दूसरी लहर के दौरान इसे फिर से शुरू किया गया मगर सिर्फ 2000 बेड की व्यवस्था के साथ.
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प्रियंका गाधी ने कहा कि पिछले साल स्वास्थ्य मामलों की संसद की स्थाई समिति ने कोरोना की भयावहता का जिक्र करते हुए अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता पर विशेष फोकस करने की बात कही थी. मगर सरकार का ध्यान कहीं और था. उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार में आते ही स्वास्थ्य बजट में 20% की कटौती करने वाली मोदी सरकार ने 2014 में 15 एम्स बनाने की घोषणा की थी. इसमें से एक भी एम्स आज सक्रिय अस्पताल के रूप में काम नहीं कर रहा है. 2018 से ही संसद की स्थाई समिति ने एम्स अस्पतालों में शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों की कमी की बात सरकार के सामने रखी है, लेकिन सरकार ने उसे अनसुना कर दिया.
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प्रियंका गांधी ने सरकार से पूछा कि तैयारी के लिए एक साल होने के बावजूद आखिर क्यों केंद्र सरकार ने ये समय 'हम कोरोना से युद्ध जीत गए हैं' जैसी झूठी बयानबाजी में गुजार दिया और बेड की संख्या बढ़ाने के बजाय बेड की संख्या कम होने दी? मोदी सरकार ने विशेषज्ञों और स्वास्थ्य मामलों की संसद की स्थाई समिति की चेतावनी को नकार भारत के हर जिले में उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध करने का कार्य क्यों नहीं किया?
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