दिल्ली में नर्सरी एडमिशन के मामले में प्राइवेट स्कूलों को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि नर्सरी में दाखिले का फॉर्मूला प्राइवेट स्कूल खुद बनाएंगे।
कोर्ट ने कहा कि सरकार इस मामले में दिशानिर्देश जारी नहीं कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि दाखिला स्कूलों, बच्चों और अभिभावकों का संवैधानिक अधिकार है और इस मामले में सरकार का दखल बुनियादी अधिकारों के खिलाफ है।
कोर्ट ने कहा कि नक्शे पर स्थिति से यह तय नहीं हो सकता कि किसी बच्चे को किस स्कूल में जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आधिकारिक आदेशों के जरिये निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की प्रशासनिक स्वायत्तता को बाधित नहीं किया जा सकता।
इस फैसले का असर 2015-16 एकेडमिक सेशन में होने वाले दाखिले पर पड़ेगा। पिछले साल नर्सरी दाखिले को लेकर उप राज्यपाल नजीब जंग ने गाइडलाइंस जारी किए थे, जिसके खिलाफ अभिभावकों ने अर्जी दी थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा था कि अगर दाखिले को लेकर नई गाइडलाइंस जारी होती है, तो याचिकाएं निर्रथक हो जाएंगी।
पिछली गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूल के 8 किलोमीटर के दायरे में रहनेवाले बच्चों को 70 प्वाइंट देने का प्रावधान किया गया था। अगर उसका कोई भाई-बहन भी उसी स्कूल में हो, तो उसे 20 अतिरिक्त प्वाइंट और यदि बच्चे के माता-पिता में से कोई स्कूल का छात्र रहा हो, तो 5 प्वाइंट अलग से मिलने की बात थी।
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