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This Article is From Jun 09, 2022

राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा, जरूरत पड़ी तो 21 जुलाई को मतगणना

चुनाव आयोग ने आज यहां राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए‍ विस्‍तृत कार्यक्रम की घोषणा की.

निर्वाचन आयोग ने आज राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए‍ विस्‍तृत कार्यक्रम की घोषणा की

नई दिल्‍ली:

Presidential elections: निर्वाचन आयोग ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है. राष्‍ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होंगे और जरूरी होने पर 21 जुलाई को मतगणना होगी. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त राजीव कुमार ने आज यहां राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए‍ विस्‍तृत कार्यक्रम की घोषणा की. उन्‍होंने बताया कि मतदाताओं की कुल संख्या 4,809 होगी, जिसमें 776 सांसद और 4,033 विधायक शामिल हैं. राज्यसभा के महासचिव निर्वाचन अधिकारी होंगे.सांसदों के लिए वोटिंग का स्‍थान संसद और विधायकों के लिए संबंधित राज्‍य की विधानसभाएं होंगी लेकिन पूर्व सूचना पर किसी भी अन्‍य लोकेशन पर वोट डाले जा  सकते हैं. इसके लिए कम से कम 10 दिन पहले सूचना देनी होगी ताकि वोटिंग की व्‍यवस्‍था उस स्‍थान पर की जा सके. वोट डालने के लिए आयोग अपनी ओर से पैन प्रोवाइड कराएगा. अन्‍य पैन का इस्‍तेमाल करने पर मतगणना के समय वोट अवैध करार दिया जाएगा. 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कार्यक्रम  
- नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख 15 जून से शुरू होगी 
- नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 जून होगी
- 30 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी
 - नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जुलाई होगी 
- राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को और जरूरी पड़ने पर मतगणना 21 जुलाई को होगी

.मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने स्‍पष्‍ट किया कि पार्टियां अपने सदस्‍यों को कोई व्हिप जारी नहीं कर सकेंगी. उन्‍होंने कहा कि घूस या अन्‍य तरीके से वोट के लिए लुभाने की कोशिश अपराध की श्रेणी में आते हैं और ऐसी स्थिति में माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से इलेक्‍शन को अवैध घोषित किया जा सकता है. देश में कोविड को लेकर स्थिति का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि खुशकिस्‍मती से कोविड को लेकर स्थिति इस समय गंभीर नहीं है. इसके बावजूद वोटिंग के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. चुनाव आयोग ने राष्‍ट्रपति चुनाव को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए प्‍लास्टिक मटेरियल के स्‍थान पर नष्‍ट होने वाले मटेरियल के इस्‍तेमाल का निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने शीर्ष संवैधानिक पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है. नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ लेनी है. वर्ष 2017 की बात करें तो में 17 जुलाई को चुनाव हुए थे, जिसमें रामनाथ कोविंद को बतौर राष्ट्रपति चुना गया था. राष्ट्रपति के चुनाव के लिए लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य मिलकर निर्वाचन मंडल बनाते हैं. बता दें कि 776 सांसद (मनोनीत को छोड़कर) और विधानसभा के  विधायकों से निर्वाचन मंडल बनता है. एनडीए इस समय बहुमत के आंकड़े से मामूली दूरी पर है. अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवाने के लिए एनडीए को बीजेडी और वायएसआर कांग्रेस के समर्थन की आवश्यकता होगी.  पिछले चुनाव में रामनाथ कोविंद को 65.35 प्रतिशत मत मिले थे. 

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