नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले रेलवे बीते ढाई साल में इस प्रदेश को 57 नई ट्रेन पहले ही दे चुका है और केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस राज्य में अब नौ और नई ट्रेन लाने की तैयारी है. इसमें से पहली हमसफर ट्रेन का संचालन इस साल नवंबर के अंत तक शुरू हो जाएगा.
दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ जैसे त्योहारों को देखते हुए सियासी रूप से संवदेनशील इस राज्य में 142 विशेष रेलों का शुरुआती स्टेशन या तो उत्तर प्रदेश होगा या उनका गंतव्य वहां होगा, इनके अलावा 550 विशेष रेलों से होकर गुजरेंगी. रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'नई ट्रेनें लोगों की मांग को देखते हुए चलाई जा रही हैं. रेलवे राज्यों में भेदभाव नहीं करता है.'
विभिन्न राज्यों के लिए प्रस्तावित दस हमसफर रेलों में से सबसे पहले एसी-3 हमसफर एक्सप्रेस पटरियों पर उतरेगी, जो गोरखपुर तक जाएगी. इसका संचालन अगले महीने से शुरू हो जाएगा. हमसफर एसी-3 के कोचों की आतंरिक साज सज्जा काफी खूबसूरत है, बाहरी रंग भी नया और भिन्न है, इसमें सीसीटीवी प्रणाली है, आगजनी का पता लगाने और उसकी रोकथाम की प्रणाली समेत अन्य सुविधाओं में ब्रेल डिस्प्ले भी होगा.
उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में जो रेल सेवा शुरू की जाएगी, वे हैं:
- बलिया-आनंद विहार
- गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस
- गोरखपुर-पनवल
- गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनस
- गोरखपुर-बादशाहनगर इंटरसिटी
- गाजीपुर-कोलकाता
- जौनपुर-बांद्रा टर्मिनस
- दीनदयालु-अंत्योदय एक्सप्रेस
मांग को देखते हुए रेलवे लोकमान्य तिलक टर्मिनस और वाराणसी के बीच चलने वाली कामायनी एक्सप्रेस को उत्तर प्रदेश के जौनपुर तक विस्तार देने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा रेलवे ने उत्तर प्रदेश में कई मेल और एक्सप्रेस रेलों के 167 अतिरिक्त स्टॉपेज दिए हैं.
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