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This Article is From Jan 14, 2025

Mahakumbh 2025: अगर पुण्य कमाने तीर्थराज प्रयागराज जा रहे हैं तो इन मंदिरों में जाना न भूलें

तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ की शुरुआत सोमवार से हुई. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए करोड़ो श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि अगर आप पुण्य कमाने के लिए प्रयागराज जा रहे हैं तो किन मंदिरों को देखना न भूलें.

Mahakumbh 2025: अगर पुण्य कमाने तीर्थराज प्रयागराज जा रहे हैं तो इन मंदिरों में जाना न भूलें
नई दिल्ली:

तीर्थराज प्रयाग में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जुटान महाकुंभ शुरू हो चुका है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो दिनों में तीन करोड़ से अधिक लोगों ने प्रयागराज के पवित्र संगम में डुबकी लगाई है. श्रद्धालुओं का प्रयागराज पहुंचना जारी है. आइए हम आपको बताते हैं कि अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं तो वहां के किन मंदिरों में दर्शन करें.

अक्षयवट 

अक्षयवट या अविनाशी वटवृक्ष पौराणिक कथाओं और हिंदू ग्रंथों में वर्णित एक पवित्र बरगद का पेड़ है. कहा जाता है कि वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण और सीता जी ने यहां पर विश्राम किया था. 

प्रयागराज में अक्षयवट की अराधना करते पीएम नरेंद्र मोदी.

प्रयागराज में अक्षयवट की अराधना करते पीएम नरेंद्र मोदी.

 श्री लेटे हुए हनुमान 

दारागंज में गंगा जी के किनारे लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि संत समर्थ गुरु रामदास जी ने यहां हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी. शिव-पार्वती, गणेश, भैरव, दुर्गा, काली और नवग्रह की मूर्तियां भी मंदिर परिसर में स्थापित हैं. इसके पास ही श्री राम जानकी मंदिर और हरित माधव मंदिर स्थित है. 

माना जाता है कि संत समर्थ गुरु रामदास जी ने यहां हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी.

माना जाता है कि संत समर्थ गुरु रामदास जी ने यहां हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी.

सरस्वती कुआं

सरस्वती कूप एक पवित्र कुआं है.यह त्रिवेणी संगम स्थित अकबर के किले के अंदर है. 

प्रयागराज के किले में स्थित सरस्वती कुंआ के सामने पूजा करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

प्रयागराज के किले में स्थित सरस्वती कुंआ के सामने पूजा करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

पातालपुरी मंदिर 

पातालपुरी मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. इसका इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है. यह भूमिगत मंदिर इलाहाबाद किले के भीतर अक्षयवट के पास बना हुआ है.

मनकामेश्वर मंदिर

इलाहाबाद किले के पश्चिम यमुना तट पर मिंटो पार्क के पास स्थित इस मंदिर में काले पत्थर की भगवान शिव का एक लिंग और गणेश और नंदी की मूर्तियां स्थापित हैं. यहां हनुमान जी की भी एक बड़ी मूर्ति स्थापित है. मंदिर के पास ही पीपल का एक प्राचीन पेड़ है.

प्रयागराज का मनकामेश्वर मंदिर.

प्रयागराज का मनकामेश्वर मंदिर.

महर्षि भारद्वाज आश्रम

भारद्वाज मुनि से संबद्ध यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. भारद्वाज मुनि के समय यह शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है. ऐसी मान्यता है कि वनवास के दौरान चित्रकूट जाते समय भगवान राम, सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ इस स्थान पर आए थे. 

आश्रम में स्थापित महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा.

आश्रम में स्थापित महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा.

वेणी माधव मंदिर

भगवान माधव को तीर्थराज प्रयाग का नगर देवता माना जाता है.

भगवान माधव को तीर्थराज प्रयाग का नगर देवता माना जाता है.

यह मंदिर संगम के पास दारागंज में स्थित है. यहां भगवान विष्णु के 12 स्वरूप विद्यमान हैं. भगवान माधव को प्रयागराज का नगर देवता माना जाता है. 

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