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This Article is From Apr 04, 2015

केजरीवाल और उनकी टोली ने AAP के आदर्शों से धोखा किया : प्रशांत भूषण

केजरीवाल और उनकी टोली ने AAP के आदर्शों से धोखा किया : प्रशांत भूषण
नई दिल्‍ली:

मशहूर वकील और आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी से इस्तीफ़ा देने का इशारा किया है। प्रशांत ने ndtv.com पर केजरीवाल के नाम लिखे खुले खत में केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि पिछले साल वह राहुल गांधी से बात करने को बेकरार थे, ताकि दिल्ली में दोबारा से कांग्रेस के समर्थन से AAP की सरकार बनाई जा सके।

प्रशांत ने अपनी चिट्ठी में केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि पिछले साल वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से बात करने को बेकरार थे। ताकि उन्हें दिल्ली में दोबारा आम आदमी पार्टी सरकार को समर्थन देने के लिए मनाया जा सके। इसके लिए आपने निखिल डे से भी बात की थी, लेकिन निखिल ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था।

आपको ये समझना होगा कि हां में हां मिलाने वाले लोगों के साथ आप बहुत दूर नहीं जा पाएंगे। हमारी पार्टी बहुत से आदर्शों के साथ बनाई गई थी, आप और आपकी मंडली ने उन आदर्शों के साथ धोखा किया। आम आदमी पार्टी में भी अब सुप्रीमो और हाई कमान की संस्कृति आ चुकी है।

दिल्ली में जीत के बाद आपको अपनी सबसे बेहतरीन खूबियां दिखानी चाहिए थीं, लेकिन अफ़सोस है कि जीत के बाद आपने सबसे ख़राब छवि पेश की। आप पर सवाल उठाने वालों को पार्टी से निकाल देना स्टालिन की याद दिलाता है। आपने पार्टी के साथ जो किया है उसके लिए ईश्वर और इतिहास आपको नहीं भूलेगा।

प्रशांत भूषण ने अपनी चिट्ठी का अंत 'गुड बाई एंड गुड लक' लिखकर किया है।

प्रशांत ने चिट्ठी में केजरीवाल को संबोधित करते हुए कहा है कि उन्होंने मिलकर जो सपना देखा था, वह केवल दिल्ली में 5 साल सरकार चलाने से पूरा नहीं होगा। उन्होंने ऐसी आशंका जताई है कि अगर अरविंद का बर्ताव और रवैया ऐसा ही रहा, तो इस सपने को एक दु:स्वप्न में बदलने में देर नहीं लगेगी।

हालांकि प्रशांत भूषण ने पार्टी छोड़ने के बारे में औपचारिक तौर पर तो चिट्ठी में कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन इस ओपन लेटर को और खासकर इसके अंत में लिखी लाइन 'गुड बाई एंड गुड लक' का पार्टी से उनके इस्तीफे के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

ndtv.com पर किसी आर्टिकल की तरह लिखे इस ओपन में लेटर में प्रशांत ने बताया है कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अरविंद ने किस तरह भड़काऊ भाषण दिया, जिसकी वजह से कई विधायक भड़क गए और उन्होंने हमें गद्दार करार देते हुए बाहर निकाल देने का शोर मचाया। प्रशांत ने लिखा वे लोग मेरे पिता की तरफ ऐसे दौड़े जैसे उन्हें जान से मार देंगे।

प्रशांत ने लिखा कि आपने हमें जवाब देने का मौका तक नहीं दिया और बिना किसी चर्चा के वोटिंग करवा ली गई। उन्होंने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय परिषद में ज्यादातर ऐसे लोग मौजूद थे, जो परिषद के सदस्य ही नहीं थे। उन्होंने स्वतंत्र वीडियोग्राफी न करवाने, लोकपाल को मीटिंग में आने की इजाजत नहीं देने और अलोकतांत्रिक तरीके से उन्हें व अन्य साथियों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल देने के फैसले पर भी दु:ख जताया। बाद में पार्टी द्वारा जारी किए गए अरविंद के भाषण के वीडियो को भी उन्होंने एडिटेड करार दिया।

प्रशांत ने बताया कि किस तरह लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में एक बार फिर कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिशें शुरू होने के बाद उनके अरविंद से मतभेद शुरू हुए और कई बार कहने के बावजूद अरविंद ने उनकी बात नहीं मानी। यहां तक कि पीएसी और एनई की मीटिंग में लिए गए फैसलों को भी केजरीवाल ने पलट दिया गया और अपनी मनमर्जी चलाई।

पूरी चिट्ठी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

उधर, पार्टी कार्यकर्ताओं को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए आप नेता एवं दिल्ली के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के संसदीय सचिव आदर्श शास्त्री ने कहा कि बागी नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की ओर से 14 अप्रैल को बुलायी गयी बैठक में हिस्सा लेना ‘अनुशासनहीनता’ माना जाएगा।

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