सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा और बिड़ला ग्रुप द्वारा बड़े नेताओं को करोड़ों रुपये देने के मामले की SIT से जांच कराने से इनकार किया. कोर्ट ने कहा कि क्योंकि मामला एक बड़े जनप्रतिनिधि से जुड़ा है सिर्फ इसलिए मामले की जांच के आदेश नहीं दे सकते. जो कागजात दिए गए हैं, उनके आधार पर जांच नहीं कराई जा सकती.
कोर्ट ने कहा कि सहारा के दस्तावेज तो पहले ही फर्जी पाए गए हैं, हमने ये अपने आदेश में भी कहा था. कोई भी किसी के नाम की कंप्यूटर में एंट्री कर सकता है. इसे तवज्जों नहीं दी जा सकती. याचिकाकर्ता कोई ठोस सबूत दे तो सुनवाई कर सकते हैं. अगर कोई ठोस दस्तावेज न मिले तो मामले को फिर से कोर्ट न लाएं. मामले की सुनवाई 14 दिसंबर को होगी.
गौरतलब है कि प्रशांत भूषण की याचिका में कहा गया है कि सीबीआई और इनकम टैक्स की रेड में ये दस्तावेज मिले थे कि उन्होंने कई नेताओं जिनमें कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, करोड़ों की घूस दी थी. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट SIT से जांच कराए. सीबीआई और आयकर के जब्त किए गए कागजातों को कोर्ट में मंगवाया जाए.
कोर्ट ने कहा कि सहारा के दस्तावेज तो पहले ही फर्जी पाए गए हैं, हमने ये अपने आदेश में भी कहा था. कोई भी किसी के नाम की कंप्यूटर में एंट्री कर सकता है. इसे तवज्जों नहीं दी जा सकती. याचिकाकर्ता कोई ठोस सबूत दे तो सुनवाई कर सकते हैं. अगर कोई ठोस दस्तावेज न मिले तो मामले को फिर से कोर्ट न लाएं. मामले की सुनवाई 14 दिसंबर को होगी.
गौरतलब है कि प्रशांत भूषण की याचिका में कहा गया है कि सीबीआई और इनकम टैक्स की रेड में ये दस्तावेज मिले थे कि उन्होंने कई नेताओं जिनमें कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, करोड़ों की घूस दी थी. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट SIT से जांच कराए. सीबीआई और आयकर के जब्त किए गए कागजातों को कोर्ट में मंगवाया जाए.
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