लखनऊ:
राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर दो दिन पहले प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ लामबंदी करते दिखने के बाद अचानक पलटे समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यूपीए प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए उन्होंने कोई सौदा नहीं किया है।
यादव ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा,‘डील तो दलाल करते हैं। सपा दलालों के खिलाफ है। कोई डील नहीं हुई है।’ उन्होंने कहा कि मुखर्जी अनुभवी, योग्य और सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता रखने वाले नेता हैं। इसीलिए सपा ने उन्हें समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति किसी दल का नहीं होता, वह तो देश का होता है। यह सिर्फ कांग्रेस का नहीं बल्कि पूरे देश का मामला है।
सपा प्रमुख ने केन्द्र की यूपीए सरकार में शामिल होने का आमंत्रण मिलने की स्थिति में पार्टी के संभावित रुख के बारे में पूछे जाने पर दो टूक कहा ‘सरकार में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।’
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने पिछले दिनों प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नई दिल्ली में मुलाकात करके राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम प्रस्तावित किया था।
हालांकि शुक्रवार को अचानक सपा प्रमुख ने अपने रुख से पलटते हुए राष्ट्रपति पद के लिए संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
यादव ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा,‘डील तो दलाल करते हैं। सपा दलालों के खिलाफ है। कोई डील नहीं हुई है।’ उन्होंने कहा कि मुखर्जी अनुभवी, योग्य और सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता रखने वाले नेता हैं। इसीलिए सपा ने उन्हें समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति किसी दल का नहीं होता, वह तो देश का होता है। यह सिर्फ कांग्रेस का नहीं बल्कि पूरे देश का मामला है।
सपा प्रमुख ने केन्द्र की यूपीए सरकार में शामिल होने का आमंत्रण मिलने की स्थिति में पार्टी के संभावित रुख के बारे में पूछे जाने पर दो टूक कहा ‘सरकार में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।’
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने पिछले दिनों प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नई दिल्ली में मुलाकात करके राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम प्रस्तावित किया था।
हालांकि शुक्रवार को अचानक सपा प्रमुख ने अपने रुख से पलटते हुए राष्ट्रपति पद के लिए संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
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