भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का 84 साल की उम्र में सोमवार की शाम निधन हो गया था. मंगलवार को उनका राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार (State Funeral) कर दिया गया. उन्हें सैन्य विदाई (military honours) दी गई. पूर्व राष्ट्रपति की इसी महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी. वहीं वो कोरोनावायरस से भी पीड़ित थे. उनके निधन के बाद केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने सात दिनों के आधिकारिक शोक दिवस की घोषणा की है.
#WATCH Delhi: Former President #PranabMukherjee laid to rest with full military honours.
— ANI (@ANI) September 1, 2020
His last rites were performed at Lodhi crematorium today, under restrictions for #COVID19. pic.twitter.com/VbwzZG1xX9
प्रणब मुखर्जी के पार्थिव शरीर को 10 राजाजी मार्ग, दिल्ली के उनके आावास पर लाया गया था, जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे रहे हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्व राष्ट्रपति के आवास पर पहुंचे और उन्होंने यहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की.
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार की शाम को एक बयान जारी कर अंतिम संस्कार के दौरान के कार्यक्रम की जानकारी दी थी. इसमें बताया गया था कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को गन कैरिज के बजाय हर्स वैन यानी शव वाहन में ले जाया जाएगा. अंतिम संस्कार लोधी रोड के शवदाहगृह पर हुआ.
बयान में कहा गया है कि उनके सम्मान के लिए 31 अगस्त से 6 सितंबर तक राजकीय शोक दिवस मनाया जाएगा. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को देशभर में नियमित रूप से जिन भवनों पर फहराया जाता है, वहां इसे आधा झुकाकर रखा जाएगा और कहीं भी आधिकारिक तौर पर कोई जश्न का कार्यक्रम नहीं होगा.
Video: प्रणब मुखर्जी के अंतिम दर्शन करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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