केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना के मसौदे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश (Jairam Ramesh) की आपत्तियों का सिलसिलेवार जवाब दिया है. जावड़ेकर ने कहा है कि पर्यावरण प्रभाव आकलन की अधिसूचना के मसौदे पर अभी परामर्श चल रहा है और इस बीच जयराम रमेश द्वारा पत्रों को सार्वजनिक करना उनकी अपरिपक्वता को दर्शाता है.
प्रकाश जावडेकर ने कहा कि मसौदे में उल्लंघनकर्ताओं पर भारी जुर्माना लगाकर नियामक व्यवस्था के तहत लाने की पूर्वव्यापी मंजूरी का प्रस्ताव है, कंपनियां अनियंत्रित अवस्था में हमेशा नहीं रह सकती है. प्रत्येक परियोजना के विस्तार के लिए पर्यावरण प्रबंधन योजना के निवेदन की आवश्यकता होगी. मसौदे का मकसद जनसुनवाई की प्रक्रिया को कमजोर करना नहीं बल्कि उसे अधिक अर्थपूर्ण बनाना है. ईआईए के मसौदे में किया गया प्रावधान, उल्लंघनकर्ताओं को नियमन की जद में लाने वाला है जिसकी मदद से उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकेगा.
Today morning only I had sent you a detailed response to your July 25, 2020 letter, which was delivered at your residence office, still you chose to write this letter and make it public through twitter. I am sharing today's letter here once again.#DraftEIA2020 https://t.co/T95z9Uj83h pic.twitter.com/fSP9eSqyFH
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) August 6, 2020
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार ने अधिसूचना का मसौदा जारी किया है, यह अंतिम अधिसूचना नहीं है और इस पर जन परामर्श जारी है, आवश्यकता अनुसार विस्तार से चर्चा करने के लिए तैयार हैं.
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