पुणे पोर्शे हादसे मामले नया मोड़ आया है. पुलिस अब घटना के बाद के प्रोटोकॉल में संभावित खामियों की भी जांच करेगी. आरोप है हादसे में बिल्डर के आरोपी बेटे के साथ वीआईपी ट्रीटमेंट किया गया और जांच शुरु करने में भी देरी की गई.
सहायक पुलिस आयुक्त अश्विनी राख यरवदा के पुलिस स्टेशन में अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ करेंगे, जहां पहली बार शिकायत दर्ज की गई थी. आरोपों में घटना की भयावह प्रकृति को कम करके बताना और मेडिकल जांच में देरी करना शामिल है, जो लड़के के रक्त में अल्कोहल के स्तर को जांचने के लिए तुरंत किया जाना चाहिए था.
विपक्षी के एक नेता ने कहा है कि आरोपी के रूप में पुलिस हिरासत में रहने के दौरान लड़के का खास ध्यान रखा गया और यहां तक कि भोजन में पिज्जा और बर्गर भी दिया गया.
वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने एक्स पोस्ट में कहा, "यरवदा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने अनीश और अश्विनी के बीच संबंधों पर सवाल उठाने में अधिक समय बिताया. आईटी पेशेवरों को नशे में मौत के घाट उतार दिया गया. आरोपी को कथित तौर पर बर्गर और पिज्जा परोसा गया."
अपनी पोर्शे कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मारने वाले नाबलिग लड़के को जमानत देने के तीन बाद किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Board) ने अपने आदेश में संशोधन किया था और उसे 5 जून तक रिमांड होम भेज दिया. पोर्शे की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार 24 साल के दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी.
नाबालिग लड़के ने दो पबों में अपने दोस्तों के साथ शराब पी थी
पुणे में यह हादसा रात में करीब 2.15 बजे हुआ था. बारहवीं कक्षा के नतीजे आने के बाद जश्न मनाने के लिए के नाबालिग लड़के ने दो पबों में अपने दोस्तों के साथ शराब पी थी. उसने कल्याणी नगर इलाके में 2.5 करोड़ रुपये की पोर्शे कार से उस मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी जिस पर 24 साल के दो आईटी पेशेवर सवार थे. कार की टक्कर से बाइक चला रहे अनीश अवधिया उछलकर एक खड़ी कार से टकरा गए थे, जबकि बाइक पर पीछे बैठीं अश्विनी कोष्टा हवा में 20 फीट उछलकर गिर गई थीं. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी.
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