पुणे के कल्याणी नगर में तेज रफ्तार कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) को कुचलने के आरोपी 17 वर्षीय किशोर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (Juvenile Justice Board) के आदेश पर निगरानी केंद्र भेजा गया है. एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में इस निगरानी केंद्र में 30 से अधिक नाबालिग हैं. कल्याणी नगर में रविवार तड़के पोर्शे कार के नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था. पुलिस ने दावा किया कि वह नशे की हालत में कार चला रहा था.
पुणे हादसे के नाबालिग़ आरोपी पर बालिग़ के तौर पर केस चले या नहीं,इस पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अभी कोई फ़ैसला नहीं किया है. लेकिन अपने पिछले फ़ैसले को बदलते हुए बोर्ड ने आरोपी को 5 जून तक रिमांड होम में भेज दिया है. आइए जानते हैं रिमांड होम में आरोपी की दिनचर्या क्या रहेगी.
- सुबह 8 से 10 बजे - नाश्ता (पोहा, उपमा, अंडे, दूध)
- सुबह 11 बजे - प्रार्थना
- 11 बजे के बाद - भाषाओं पर पाठ
- दोपहर 1 से 4 बजे - छात्रावास में आराम
- शाम 4 बजे - नाश्ता
- शाम 4 से 5 बजे - टीवी
- शाम 5 से 7 बजे - खेल का समय - वॉलीबॉल, फुटबॉल
- शाम 7 बजे - रात का खाना
- शाम 8 बजे - छात्रावास वापस जाना.
- भोजन में सब्जियां, चपाती और चावल शामिल होंगे
निगरानी केंद्र के अधिकारी ने कहा, ''नाबालिग आरोपी को नेहरू उद्योग निगरानी केंद्र में भेज दिया गया, जहां अन्य किशोर भी हैं.'' एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि निगरानी केंद्र में रहने के दौरान नाबालिग की मनोवैज्ञानिक स्थिति की भी समीक्षा की जाएगी.
आरोपी बालिग है या नाबालिग तय होने में लगेंगे 2 महीने
किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के दौरान नाबालिग की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता प्रशांत पाटिल के अनुसार, किसी किशोर को वयस्क आरोपी माना जाए या नहीं यह तय करने की प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लग सकते हैं क्योंकि मनोचिकित्सकों और परामर्शदाताओं समेत अन्य लोगों से रिपोर्ट मांगी जाती है, जिसके बाद बोर्ड अपना निर्णय देता है. पाटिल ने कहा कि हिरासत के दौरान नाबालिग को निगरानी केंद्र में रखा जाएगा और इस अवधि के लिए विशिष्ट मानक निर्धारित किए जाएंगे.
आरोपी के पिता को भेजा गया 24 मई तक पुलिस हिरासत में
पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या), 304 (ए) (लापरवाही से मौत), 279 (लापरवाही से वाहन चलाने) और मोटर वाहन अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इससे पहले बुधवार को एक सत्र अदालत ने नाबालिग आरोपी के पिता और होटल ब्लैक क्लब के दो कर्मचारियों नितेश शेवानी और जयेश गावकर को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
प्राथमिकी के मुताबिक रियल एस्टेट डेवलपर ने यह जानते हुए भी कि उसके बेटे के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है उसे कार दे दी. जिससे उसकी जान खतरे में पड़ सकती थी. इसके अलावा उसका पिता यह भी जानता था कि वह शराब पीता है फिर भी उसे पार्टी करने की इजाजत दी.
मामले में अब तक कितने लोग हुए अरेस्ट?
पुलिस ने अब तक आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. FIR के मुताबिक, नाबालिग के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. यह जानने के बावजूद उसके पिता ने उसे कार ड्राइव करने को दी थी. कार का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ था. पुलिस के मुताबिक, बिल्डर को यह भी पता था कि उनका बेटा शराब पीता है, फिर भी उसे पार्टी में शामिल होने की इजाजत दी. इसके अलावा पुलिस ने जिन अन्य 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें पुणे के कोजी रेस्टोरेंट के मालिक का बेटा नमन प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल के मैनेजर संदीप सांगले और उसका स्टाफ जयेश बोनकर शामिल हैं.
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