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This Article is From Aug 17, 2022

महाराष्ट्र में कर्मचारियों को फोन पर 'वंदे मातरम' बोलने के फरमान पर छिड़ा सियासी घमासान

पीएम मोदी के 'हर घर तिरंगा' के बाद महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की फोन पर हेलो के बजाय 'वंदे मातरम' बोलने की अपील

महाराष्ट्र में कर्मचारियों को फोन पर 'वंदे मातरम' बोलने के फरमान पर छिड़ा सियासी घमासान
महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की एक अपील को लेकर विवाद शुरू हो गया है (फाइल फोटो).
मुंबई:

पीएम मोदी (PM Modi) के 'हर घर तिरंगा' के बाद अब महाराष्ट्र के सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) ने 'वंदे मातरम' का राग आलापा है. मुनगंटीवार चाहते हैं कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारी और अधिकारी किसी का फोन आने के बाद 'हेलो' के बजाय 'वंदे मातरम' (Vande Mataram) कहें. हालांकि उनके विभाग ने अभी तक इसका नोटीफिकेशन जारी नहीं किया है लेकिन इस मुद्दे पर राज्य में सियासी घमासान शुरू हो गया है.

राज्य सरकार की अपील पर 17 अगस्त को राज्य के तकरीबन सभी सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों और स्कूलों में सुबह 11 बजे सामूहिक राष्ट्रगान गाया गया. ज्यादातर लोगों ने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. लेकिन महाराष्ट्र सरकार के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की फोन पर हेलो के बजाय वंदे मातरम बोले जाने की चाह विवादों में घिर गई है. राज्य के ज्यादातर विपक्षी दलों ने इस पर अपनी नाराजगी जताई है.

विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि, ''जो महत्व के विषय हैं उन पर चर्चा करने के बजाय जिसकी जरूरत नहीं ऐसे विषय लाए जाते हैं और उसी पर चर्चा केंदित की जाती है. हम कभी जय हिंद बोलते हैं, जय महाराष्ट्र बोलते हैं कभी जय हरि बोलते हैं. अब अचानक से वंदे मातरम् लेकर आए हैं. वंदे मातरम् का विरोध नहीं है, लेकिन इसकी जरूरत क्या है? आप महंगाई पर बोलिए.''

एसपी के विधायक रईस शेख ने कहा कि, ''महाराष्ट्र एक मल्टी कल्चरल स्टेट है और वंदे मातरम् से किसी का विरोध नहीं है. जिसको वंदे मातरम् बोलना है वह वन्दे मातरम् बोले. मुझे जय हिंद बोलना है. देश में हर किसी का अपनी भावना प्रकट करने का तरीका अलग है. वंदे मातरम् जैसी चीजों को लाकर अपनी खामियों और कमजोरियों को छिपाने की कोशिश यह शिंदे-फडणवीस सरकार कर रही है.''

विरोध होता देखकर सुधीर मुनगंटीवार ने अब आदेश के बजाय अपील करने की बात कही है और ये भी साफ किया कि वंदे मातरम् किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. 

मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि, ''सरकार इस बारे में आह्वान पत्र निकाल रही है. उसमें हमारी अपील होगी कि लाखों शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर स्वाधीनता का ये मंगल कलश हमें दिया है तो अमृत महोत्सवी वर्ष में हम यह प्रयत्न करें कि हेलो के बदले वंदे मातरम् बोलने की कोशिश करें. देखो हम ऐसा कोई कानून नहीं बना रहे. अगर कोई  भारत माता की जय नहीं बोलता तो हम उसे जेल में ठूंस दें, ऐसा कोई कानून नहीं है. यह अंग्रेजों के समय था.''

देश में सभी को अपनी तरह से अभिवादन की आजादी है. ऐसे में सिर्फ वंदे मातरम् पर जोर देने से विवाद बढ़ना लाजमी है, लेकिन बड़ा सवाल है कि नेताओं और मंत्रियों की प्राथमिकता देश में बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी कम करने की होनी चाहिए या कोई क्या बोले और क्या खाए, इस पर राजनीति करने की?

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