कर्नाटक की बीजेपी (BJP) सरकार ने बेंगलुरू हिंसा (Bengaluru Violence) को लेकर बयान दिया है. कर्नाटक सरकार ने कहा कि बेंगलुरु में हुई हिंसा के पीछे की वजह सांप्रदायिक असंतोष नहीं बल्कि निकाय चुनावों से जुड़ी स्थानीय राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या मतभेद हैं. इस हिंसा में तीन लोगों की जान गई है. बता दें कि कांग्रेस के एक विधायक के भांजे के फेसबुक पोस्ट के बाद मंगलवार को हिंसा भड़की थी. हालांकि, राज्य सरकार का कहना है कि इस हिंसा की मुख्य वजह कांग्रेस और उसकी सहयोगी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के बीच राजनीतिक जमीन तलाशने को लेकर चल रही जंग है.
हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इसमें कई SDPI कार्यकर्ता हैं. कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री अश्वत नारायण ने संकेत दिया है कि सरकार सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया को बैन करने पर विचार कर रही है. यह कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) नाम के संगठन से जुड़ा है. उन्होंने कहा, "यह समय की बात है- SDPI और PFI को बैन किया जाएगा. हम बैन करने पर विचार कर रहे हैं."
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि हिंसा के पीछे स्थानीय स्तर के "राजनीतिक मतभेद" और कानून व्यवस्था बिगाड़ने की एसडीपीआई की बड़ी साजिश जैसे कारण थे. उन्होंने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से मुलाकात के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि इन सभी पहलुओं पर जांच चल रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि मंगलवार रात हुई हिंसा के सिलसिले में बृहस्पतिवार की रात 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया और अब तक 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तार किए गए 60 लोगों में शहर की पार्षद इरशाद बेगम के पति खलीम पाशा भी शामिल हैं.
बोम्मई ने कहा, "वहां (पुलकेशीनगर में) राजनीतिक मतभेद और पिछले चुनाव से संबंधित मामले, आगामी चुनाव (नगर निकाय के) और संबंधित मामले सभी इसमें (हिंसा) शामिल हैं." उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले ही कहा है कि हम सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की भूमिका की गहराई से जांच कर रहे हैं और इसके साथ ही स्थानीय पार्षदों की भूमिका एक के बाद एक सामने आ रही है, जांच चल रही है. अब तक लगभग 206 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.''
ऐसी खबरें हैं कि नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर स्थानीय राजनीति के कारण भी गडबड़ी हुयी. इसमें स्थानीय पार्षदों और और विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के बीच कथित मतभेदों की ओर इशारा किया गया है. मूर्ति जद (एस) से कांग्रेस में शामिल हुए हैं. रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि एसडीपीआई इलाके में अपनी जमीन मजबूत बनाना चाहती थी, जहां मुस्लिमों की खासी आबादी है.
इस संबंध में एक सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा कि अब तक की जांच से कांग्रेस के अंदर मतभेद और स्थानीय स्तर पर कांग्रेस तथा एसडीपीआई के बीच मतभेद की बात सामने आयी है. बोम्मई ने कहा कि कल रात गिरफ्तार किए गए 60 लोगों और उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है तथा यह ऑपरेशन जारी रहेगा.
उन्होंने कहा, "हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे असामाजिक तत्वों और उनकी गतिविधियों को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए सभी कदम उठाएं. " बोम्मई ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि प्राथमिकी दर्ज करने और नवीन को गिरफ्तार करने में देरी हुयी जिसके कारण हिंसा हुई. उन्होंने घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया और पुलिस का बचाव किया.
उन्होंने कहा कि मंगलवार को शाम में करीब 5:40 बजे नवीन ने भड़काऊ पोस्ट डाली. फ़िरोज़ पाशा नामक व्यक्ति ने शाम में 7.30 से 7.45 बजे के बीच डीजे हल्ली थाने में शिकायत दी. 7.45 बजे प्राथमिकी दर्ज की गयी। यह एक सार्वजनिक दस्तावेज़ है जिसकी जांच की जा सकती है. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने में देरी होने की बात पूरी तरह से गलत है और मामले को गुमराह करने का प्रयास है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं