नई दिल्ली:
देश में अपराध के सबसे अधिक मामलों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की पुलिस में 60 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस के 25 फीसदी पद खाली हैं। अनुसूचित जातियों के खिलाफ हुए अपराध के मामलों में भीषण बढ़ोतरी के बावजूद राज्य में 1 जनवरी, 2011 तक पुलिस बल के स्वीकृत तीन लाख 68 हजार 260 पदों में से सिर्फ एक लाख 49 हजार 168 पदों पर तैनाती हुई है।
वहीं राष्ट्रीय स्तर पर 1 जनवरी, 2011 तक पुलिस बल में कुल स्वीकृत पद 20 लाख 64 हजार 370 में से पांच लाख एक हजार 69 पद खाली पड़े हैं, जो कुल पदों का 25 फीसदी है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में चार हजार 401 हत्याओं समेत कुल 22 लाख 87 हजार 799 आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जो भारत के किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे अधिक है। वर्ष 2010 के दौरान राज्य में अनुसूचित जातियों के खिलाफ भी सबसे अधिक छह हजार 272 अपराध हुए, जो पूरे देश के 32 हजार 712 मामलों का 19.2 फीसदी है।
वहीं राष्ट्रीय स्तर पर 1 जनवरी, 2011 तक पुलिस बल में कुल स्वीकृत पद 20 लाख 64 हजार 370 में से पांच लाख एक हजार 69 पद खाली पड़े हैं, जो कुल पदों का 25 फीसदी है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में चार हजार 401 हत्याओं समेत कुल 22 लाख 87 हजार 799 आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जो भारत के किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे अधिक है। वर्ष 2010 के दौरान राज्य में अनुसूचित जातियों के खिलाफ भी सबसे अधिक छह हजार 272 अपराध हुए, जो पूरे देश के 32 हजार 712 मामलों का 19.2 फीसदी है।
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