ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (फाइल फोटो)
भुवनेश्वर:
सुंदरगढ़ जिले में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बैठक में प्रवेश की अनुमति देने से पहले पुलिस द्वारा महिलाओं के स्टोल उतरवाने को लेकर ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के साथ, मुख्यमंत्री ने घटना पर नाराजगी जाहिर की और डीजीपी से मामले की जांच करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि राज्य में इस तरह की घटनाएं फिर नहीं हों.
पटनायक के साथ बैठक के बाद राज्य के गृह सचिव असित त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुख्यमंत्री ने घटना पर नाराजगी जतायी और पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने को कहा. मुख्यमंत्री ने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए.’
बैठक में बुलाए गए डीजीपी बी के सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री मुझे यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि महिलाओं की मर्यादा का सम्मान होना चाहिए और दोबारा ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.’ विपक्षी कांग्रेस और भाजपा विधायकों ने महिलाओं के साथ हुए ‘अपमान’ के लिए मुख्यमंत्री से बिना शर्त माफी की मांग की, जबकि सत्तारूढ़ बीजद ने कहा कि यह एक सुरक्षा प्रोटोकॉल था और किसी भी महिला ने कोई शिकायत नहीं की.
प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही सोमवार को जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस और भाजपा विधायक सदन के बीचोंबीच आ गए और पटनायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया. कुछ कांग्रेसी विधायकों ने स्पीकर के मंच पर चढ़ने की कोशिश की और माइक तोड़ दिया. भाजपा ने घटना के विरोध में मंगलवार को राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पटनायक के साथ बैठक के बाद राज्य के गृह सचिव असित त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुख्यमंत्री ने घटना पर नाराजगी जतायी और पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने को कहा. मुख्यमंत्री ने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए.’
बैठक में बुलाए गए डीजीपी बी के सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री मुझे यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि महिलाओं की मर्यादा का सम्मान होना चाहिए और दोबारा ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.’ विपक्षी कांग्रेस और भाजपा विधायकों ने महिलाओं के साथ हुए ‘अपमान’ के लिए मुख्यमंत्री से बिना शर्त माफी की मांग की, जबकि सत्तारूढ़ बीजद ने कहा कि यह एक सुरक्षा प्रोटोकॉल था और किसी भी महिला ने कोई शिकायत नहीं की.
प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही सोमवार को जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस और भाजपा विधायक सदन के बीचोंबीच आ गए और पटनायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया. कुछ कांग्रेसी विधायकों ने स्पीकर के मंच पर चढ़ने की कोशिश की और माइक तोड़ दिया. भाजपा ने घटना के विरोध में मंगलवार को राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है.
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