अब पैसों की कमी के चलते देश के होनहार छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी. दरअसल, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एक नई योजना पीएम विद्यालक्ष्मी को मंजूरी दे दी गई है, जिसका उद्देश्य मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना के जरिए योग्य छात्रों को 10 लाख रुपये तक का लोन आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा.
इस योजना के तहत सालाना 8 लाख से कम आय वाले परिवारों के छात्रों को 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन दिया जाएगा. कैबिनेट मीटिंग में लिए गए इस फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव द्वारा दी गई है. उन्होंने बताया कि सरकार इस पर 3 फीसदी ब्याज की सब्सिडी भी उपलब्ध कराएगी. अश्विणी वैष्णव ने बताया कि इस योचना का लाभ हायर एजुकेशन के लिए एडमिशन लेने वाले कई स्टूडेंट्स को मिलेगा. साथ ही इस योजना के तहत लोन लेने के लिए छात्रों को किसी गारंटर की भी जरूरत नहीं है.
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना की योग्यता
- हायर स्टडीज के लिए छात्र को जिस इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना है वो NIRF रैंकिंग में ऑल इंडिया 100 और स्टेट में 200 में आना चाहिए और वो सरकारी इंस्टीट्यूट होना चाहिए.
- छात्र के परिवार की आय सालाना 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए.
- हर साल 1 लाख स्टूडेंट्स को इस योजना का लाभ मिलेगा.
- भारत सरकार 7.5 लाख रुपये तक के लोन के लिए 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी देगी.
इस तरह से कर सकेंगे आवेदन
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के लिए स्टूडेंट्स ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. अश्विणी वैष्णव ने बताया कि इस लोन प्रक्रिया के लिए डिजीलॉकर जैसे माध्यम से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 1 लाख स्टूडेंट्स इस योजना के तहत एजुकेशन लोन ले पाएंगे. इसके लिए https://www.vidyalakshmi.co.in/ पर अप्लाई करना होगा.
22 लाख छात्र इसके दायरे में आएंगे
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के दायरे में प्रमुख 860 हायर इंस्टीट्यूट के 22 लाख से ज्यादा स्टूडेंटस आएंगे. इस योजना के तहत 4.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवार के छात्रों को पूर्ण ब्याज अनुदान भी मिलेगा. पीएम विद्यालक्ष्मी योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2020 का ही विस्तार है.
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