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This Article is From Dec 01, 2015

बिखरने के तो बहुत बहाने मिल सकते हैं, हमें जुड़ने के अवसर खोजने हैं : राज्‍यसभा में पीएम मोदी

बिखरने के तो बहुत बहाने मिल सकते हैं, हमें जुड़ने के अवसर खोजने हैं : राज्‍यसभा में पीएम मोदी
नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्‍यसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए कहा कि संविधान हमारे लिए मार्गशर्दक है। साथ ही उन्‍होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के देश के प्रति योगदान पर भी अपने विचार रखे।

मुख्‍य बिंदु...
 
  • हमें मागर्शदक संविधान मिला है, जो हमें रास्‍ता दिखाता है।
  • भारत के सामने कई चुनौतियां हैं।
  • संविधान कैसे बना ये देखना जरूरी है।
  • राष्‍ट्र को बनाने के लिए महापुरुषों ने काम किया, उनके बारे में जानें तो।
  • हर किसी के सकारात्‍मक योगदान से राष्‍ट्र बनता है।
  • हमें इसे सकारात्‍मक रूप में लेना चाहिए।
  • हम पक्ष और विपक्ष से उठकर एक भी तो हों।
  • मैं 'आप' और 'मैं' नहीं, 'हम' की बात कर रहा हूं।
  • बाबा अंबेडकर के कामों को देश नकार नहीं सकता।
  • हम बाबा साहब अंबेडकर समेत सभी को नमन करते हैं।
  • संविधान हमें जोड़ने की ताकत देता है।
  • आजादी के बाद बहुत सारी आशंकाएं थीं, जो खत्‍म हुईं।
  • हमारे लिए संविधान एक उत्‍सव होना चाहिए।
  • कानून बनाने के लिए ही हमें भेजा गया है।
  • भारत का संविधान एक महान राजनीतिक उद्यम है।
  • तू-तू, मैं-मैं से देश नहीं चलता। साथ-साथ चलता है।
  • हम संविधान के प्रकाश में स्थितियां नहीं देखते हैं।
  • कानून बनाते हैं और फिर संशोधन करते हैं।
  • राज्‍यसभा की अपनी एक अहमियत है।
  • संविधान सभा के लोगों ने दीर्घ दृष्टि दिखाई, हम उनसे प्रेरणा लें।
  • पंडित नेहरू ने दोनों सदनों के आपसी सहयोग की बात कही थी।
  • हमारे सामने कुछ जिम्‍मेदारियां हैं।
  • दोनों सदनों के बीच आपसी सहयोग पर सफलता निर्भर।
  • संविधान निर्माताओं को एक बात साेचने की जरूरत नहीं पड़ी कि कभी एथिक कमेटी का निर्माण करना पड़े, लेकिन हम लोगों को एथिक कमेटी का निर्माण करना पड़ा।
  • 14 अगस्‍त 1947 को डॉ. राधाकृष्‍णन ने जो कहा, वह हमारी जिम्‍मेदारी है।
  • भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद और मुनाफाखोरी को खत्‍म करना होगा।
  • हमारा संविधान सामाजिक दस्‍तावेज भी है। इसे जीकर दिखाना हमारा दायित्‍व भी बनता है।
  • समता, ममता, समभाव, ममभाव हो, उसी से समाज चलेगा।
  • एकता का मंत्र भारत जैसे देश में केंद्रस्‍त होना चाहिए।
  • बिखरने के लिए तो बहुत बहाने मिल सकते हैं, हमें जुड़ने के अवसर खोजने होंगे।
  • एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत मेरे मन में कल्‍पना है।
  • हिंदुस्‍तान के एक राज्‍य, दूसरे राज्‍य के साथ जुड़ना शुरू करें।
  • संविधान की भावना का सम्‍मान करते हुए हमें संस्‍कार बढ़ाने होंगे।
  • हमारा इरादा इस साल की तरह बहस का नहीं है।
  • बाबा साहब औद्योगिकरण के पक्ष में थे।
  • डॉ. अंबेडकर की सोच हमारे लिए दिशा-दर्शक है।
  • किसी को सुबह-शाम देशभक्ति के लिए सबूत देने की जरूरत नहीं।

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