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पीएम नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को देश पर काला धब्बा बताया, ऐसी हिम्मत फिर कोई नहीं कर पाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 25 जून को भारत की लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसकी 50वीं वर्षगांठ है.भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था.संविधान की धज्जियां उड़ा दी गई थीं.देश को जेलखाना बना दिया गया था.

पीएम नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को देश पर काला धब्बा बताया, ऐसी हिम्मत फिर कोई नहीं कर पाएगा
नई दिल्ली:

देश की 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. सदन में जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आपातकाल को देश के लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया. उन्होंने कहा कि हम आपातकाल की 50वीं बरसी से एक दिन पहले मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश की नई पीढ़ी इस दिन को कभी नहीं भूलेगी. उन्होंने कहा कि इस दिन हम संकल्प लेंगे कि संविधान में दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक जनसामान्य के सपनों को पूरा करेंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कहा है?

संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,''कल 25 जून है, जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से परिचित हैं. जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिन है.''

प्रधानमंत्री ने कहा,''2 5 जून को भारत की लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसकी 50वीं वर्षगांठ है.भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था.संविधान की धज्जियां उड़ा दी गई थीं.देश को जेलखाना बना दिया गया था.लोकतंत्र को पूरी तरह से दबोच दिया गया था.''

आपातकाल के बहाने कांग्रेस पर हमला

उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था.हम संकल्प करेंगे कि भारत के जीवंत लोकतंत्र का, हम संकल्प करेंगे भारत के संविधान में निर्दिष्ट दिशा के अनुसार जनसामान्य के सपनों को पूरा करेंगे.''

इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ने संविधान बचाने और आरक्षण बचाने को मुद्दा बनाया था. विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार से संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को खतरा बताया था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि अगर यह सरकार फिर आई तो वह संविधान और आरक्षण को खत्म कर देगी. ऐसे में यह प्रधानमंत्री का कांग्रेस और विपक्ष पर हमला था. इसे उन्होंने आपातकाल की 50वीं बरसी के बहाने बोला.

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