प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने आज कहा कि अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया जाना 'जी20 परिवार' के लिए एक मील का पत्थर है. दिल्ली में दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आज ब्लॉक के नए सदस्य के रूप में 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ का स्वागत किया. अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव को सभी सदस्य देशों ने शनिवार को स्वीकार कर लिया. इसी के साथ 'ग्लोबल साउथ' का यह प्रमुख समूह दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया. PM मोदी ने विश्व नेताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, "आप सभी के समर्थन से, मैं अफ़्रीकी संघ को जी20 में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं."
G20 परिवार के लिए एक मील का पत्थर
प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के तुरंत बाद पीएमओ ने ट्वीट किया, "एक अधिक समावेशी G20 को आगे बढ़ाना जो ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है. प्रधानमंत्री @नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति @_अफ्रीकी यूनियन और कोमोरोस के राष्ट्रपति अज़ाली असौमानी का हार्दिक स्वागत किया. अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में पाकर रोमांचित हूं. असल में G20 परिवार के लिए एक मील का पत्थर."
Advancing a more inclusive G20 that echoes the aspirations of the Global South!
— PMO India (@PMOIndia) September 9, 2023
PM @narendramodi extends a heartfelt welcome to President @_AfricanUnion and the President of Comoros Azali Assoumani.
Thrilled to have the African Union as a permanent member. A milestone for the… pic.twitter.com/SqwziRCwiT
लंबे समय से था, इस दिन का इंतजार
अफ्रीकी संघ आयोग के प्रमुख मौसा फाकी महामत ने समूह के जी20 में प्रवेश का स्वागत किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं पूर्ण सदस्य के रूप में जी20 में अफ्रीकी संघ के प्रवेश का स्वागत करता हूं. यह सदस्यता, जिसके लिए हम लंबे समय से वकालत कर रहे हैं. महाद्वीप के पक्ष में वकालत बढ़ाने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में इसके प्रभावी योगदान के लिए एक अनुकूल रूपरेखा प्रदान करेगी."
I welcome the @_AfricanUnion's entry into the #G20 as full member.
— Moussa Faki Mahamat (@AUC_MoussaFaki) September 9, 2023
This membership, for which we have long been advocating, will provide a propitious framework for amplifying advocacy in favor of the Continent and its effective contribution to meeting global challenges.
भारत के प्रयासों का परिणाम
ग्लोबल साउथ की चिंताओं को व्यक्त करने पर भारत के फोकस के परिणामस्वरूप ऐसा हो पाया है. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल दिसंबर में कहा था, "हमारी जी20 प्राथमिकताएं न केवल हमारे जी20 भागीदारों, बल्कि ग्लोबल साउथ में हमारे साथी यात्रियों के परामर्श से भी तय की जाएंगी, जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है."
दरअसल, ग्लोबल साउथ वो शब्द है, जिसका इस्तेमाल एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विकासशील देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है. अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान, भारत ने ग्लोबल साउथ ग्रुपिंग में देशों के मुद्दों को बार-बार उठाया है. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि जब ग्लोबल साउथ की चिंताओं को व्यक्त करने की बात आती है, तो भारत "बातचीत पर खरा उतरा" है और उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन की मदद के लिए भारत की पहल की ओर इशारा किया.
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