नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि केरल और तमिलनाडु दोनों राज्यों को मुल्लापेरियार बांध मुद्दे पर संयम का परिचय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का एक सद्भावपूर्ण हल निकालने के लिए राज्यों को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए। मनमोहन सिंह मुख्यमंत्री ओमन चांडी के नेतृत्व में केरल से आए 23 सदस्यों के एक सर्वदलीय शिष्टमंडल से बातचीत कर रहे थे। शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री से मुल्लापेरियार मुद्दे पर उनके हस्तक्षेप और पुराने बांध की जगह एक नए बांध के निर्माण की अनुमति देने की मांग की। इडुक्की जिले में स्थित मुल्लापेरियार बांध 115 साल पुराना है। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री का यह बयान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केरल और तमिलनाडु को फटकार लगाए जाने के एक दिन बाद आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों राज्यों को आगाह किया है कि वे इस मुद्दे पर लोगों की भावनाएं न भड़काएं। इसके अलावा न्यायालय ने राजनीतिक लाभ के लिए उसकी टिप्पणियों को कथितरूप से समाचार पत्रों के विज्ञापन में इस्तेमाल करने पर तमिलनाडु सरकार की भी खिंचाई की। केरल से आए शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री से उनके संसद भवन स्थित कार्यालय में मुलाकात की। शिष्टमंडल में चांडी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन और कई मंत्री शामिल थे। बैठक के बाद चांडी ने कहा, "प्रधानमंत्री की अपील के बाद बांध से सम्बंधित सभी आंदोलनों को तत्काल स्थगित किया जाएगा।" उल्लेखनीय है कि 115 साल पुराना यह बांध केरल और तमिलनाडु के बीच विवाद का मुद्दा बन गया है। इस बांध का निर्माण वर्ष 1886 में त्रावणकोर के तत्कालीन महाराजा और ब्रिटिश राज के बीच हुए समझौते से हुआ। यह बांध केरल में स्थित है लेकिन इसके जल का उपयोग तमिलनाडु में होता है।
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