स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से भाषण देते पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वाधीनता दिवस संबोधन को 'बेहद निराशाजनक' करार देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी सरकार की विफलताओं और अधूरे वादों का उल्लेख नहीं किया. वहीं लेफ्ट एवं अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि इस भाषण में कुछ भी खास नहीं था.
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने गोरखपुर त्रासदी की अन्य प्राकृतिक आपदाओं से तुलना करते समय बच्चों के मारे जाने की घटना के बारे में कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि किसी ने भी प्रधानमंत्री को कश्मीरियों से गले मिलने या समास्या का समाधान निकालने को नहीं रोका है.
पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाल किला पर दिया गया पूरा भाषण
आनंद शर्मा ने कहा, 'प्रधानमंत्री का स्वाधीनता दिवस पर संबोधन बहुत ही निराशाजनक रहा. तीन साल के बाद उनके लिए यह समय था कि वह अपनी सरकार द्वारा लोगों विशेषकर युवाओं, किसानों एवं कमजोर वर्गों से किए गए वादों को पूरा करने में अपनी विफलताओं का उल्लेख करते.'
यह भी पढ़ें: पीएम नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए लालकिले से चीन-पाकिस्तान को चेताया
कश्मीर के बारे में शर्मा ने कहा, 'कश्मीरियों को गले लगाने से हमने उन्हें नहीं रोका है. उन्हें सभी वर्गों से बात करनी चाहिए और राष्ट्र एवं कश्मीर में आम सहमति कायम करनी चाहिए. सभी को शामिल करने का प्रयास होना चाहिए.' शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गोरखपुर घटना के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई तथा वह इस बात की गंभीरता नहीं समझ रहे कि लापरवाही भरे रवैये के कारण गोरखपुर में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो गई.
VIDEO : स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया पीएम मोदी का पूरा भाषण
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा ने कहा कि मोदी के भाषण में कुछ भी खास नहीं था. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री विवाद के हल के लिए कश्मीरियों को गले लगाने की बात कर रहे थे, तब उनकी बात में विश्वास नहीं झलक रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने गोरखपुर त्रासदी की अन्य प्राकृतिक आपदाओं से तुलना करते समय बच्चों के मारे जाने की घटना के बारे में कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि किसी ने भी प्रधानमंत्री को कश्मीरियों से गले मिलने या समास्या का समाधान निकालने को नहीं रोका है.
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आनंद शर्मा ने कहा, 'प्रधानमंत्री का स्वाधीनता दिवस पर संबोधन बहुत ही निराशाजनक रहा. तीन साल के बाद उनके लिए यह समय था कि वह अपनी सरकार द्वारा लोगों विशेषकर युवाओं, किसानों एवं कमजोर वर्गों से किए गए वादों को पूरा करने में अपनी विफलताओं का उल्लेख करते.'
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कश्मीर के बारे में शर्मा ने कहा, 'कश्मीरियों को गले लगाने से हमने उन्हें नहीं रोका है. उन्हें सभी वर्गों से बात करनी चाहिए और राष्ट्र एवं कश्मीर में आम सहमति कायम करनी चाहिए. सभी को शामिल करने का प्रयास होना चाहिए.' शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गोरखपुर घटना के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई तथा वह इस बात की गंभीरता नहीं समझ रहे कि लापरवाही भरे रवैये के कारण गोरखपुर में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो गई.
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भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा ने कहा कि मोदी के भाषण में कुछ भी खास नहीं था. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री विवाद के हल के लिए कश्मीरियों को गले लगाने की बात कर रहे थे, तब उनकी बात में विश्वास नहीं झलक रहा है.
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