प्रधानमंत्री ने ज्यादातर सामान पर जीएसटी घटाकर 18 फीसदी से नीचे रखने की घोषणा की है. इस घोषणा से छोटे कारोबारियों में एक नई उम्मीद पैदा हुई है. हालांकि विपक्ष इस राजनीति पर सवाल उठा रहा है.
छोटी कारें, एसी, डिजीकैम, डिश वॉशर- ये सब सस्ते हो सकते हैं. प्रधानमंत्री का ऐलान है कि 99 फीसदी सामान पर जीएसटी 18 प्रतिशत या इससे भी कम हो जाएगा. शनिवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसे हरी झंडी दिखाई जा सकती है. छोटे कारोबारी इस फ़ैसले का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि इससे उत्पादन और बिक्री बढ़ने की उम्मीद है.
फिलहाल जीएसटी की सबसे ऊंची 28 फीसदी दर पर सिर्फ 35 आइटम हैं. जो बचे रह जाएंगे, वे कम उपयोगिता के या विलासिता के सामान भर होंगे. मसलन, आलीशान गाड़ियां, शराब, निजी विमान, सिगरेट, पान-मसाला
और तंबाकू उत्पाद जैसे सामान.तर्क यह है कि सरकारी कमाई में भले ही फौरी गिरावट हो, लेकिन बाद में फायदा मिलेगा क्योंकि उपभोग बढ़ेगा.
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एनडीटीवी से बातचीत में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया. राजीव कुमार ने कहा, "फिलहाल 97% सामान 18% या उसके नीचे के टैक्स स्लैब में आते हैं. हम प्रधानमंत्री के ऐलान का स्वागत करते हैं. कुछ और चीजों पर टैक्स कम करना चाहिए. 18% से ऊपर वही वस्तुएं हों जिन्हें नॉन-मेरिट गुड्स कहते हैं. शराब, सिगरेट, बड़ी या आयात की गई महंगी गाड़ियां आदि ही 28% के टैक्स स्लैब में हों. भारत में एक टैक्स स्लैब नहीं हो सकता है क्योंकि लोगों की इनकम में भारत में काफी विभिन्नताएं हैं."
क्या इस फैसले के पीछे 2019 के चुनावों पर नज़र है? विपक्ष मानता है कि इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा. कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा, "कांग्रेस पहले से ये बात उठा रही है कि 18% से ज्यादा टैक्स नहीं होना चाहिए लेकिन सरकार ने हमारी मांग को नकार दिया. अब पांच राज्यों में चुनाव हारने के बाद इस फैसले का खामियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ रहा है."
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आरजेडी नेता और लोकसभा सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा, "आज के दिन पीएम सुनहरे सपने दिखा रहे हैं...मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाए हैं...अब ये जा रहे हैं सत्ता से...अब शिकारी के चक्कर में कोई भी जनता फंसने वाली नहीं है."