PM Modi UNGA Speech: पीएम मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया. इस दौरान UN में एक तरफ पीएम ने अपनी सरकार की तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया, तो दूसरी तरफ आतंकवाद पर भी प्रहार करते हुए पूरी दुनिया को इससे निपटने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी. हम मानते हैं कि ये किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. आतंक के नाम पर बटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर UN का जन्म हुआ है. इसलिए मानवता की खातिर आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं.
PM Modi UNGA Speech: प्रधानमंत्री मोदी ने UNGA में कहा, हमारा मंत्र है जन भागीदारी से जन कल्याण
आपको बता दें कि यूएन में पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत नमस्कार से की और कहा कि यह अवसर इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि इस वर्ष हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं. इस वर्ष दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनाव हुआ और मुझे जनादेश मिला. इस जनादेश की वजह से ही मैं आपके बीच हूं. इस जनादेश से निकला संदेश प्रेरक है. नए भारत में तेजी से बदलाव हो रहा है. पीएम ने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध का संदेश दिया है. हम पूरी दुनिया का ख्याल रखते हैं. सवा सौ साल पहले भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में World Parliament of Religions के दौरान विश्व को एक संदेश दिया था. विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यही संदेश है- Harmony and Peace.
PM मोदी ने 17 मिनट के अपने संबोधन में दिया शांति और सद्भाव का संदेश, 10 खास बातें
पीएम मोदी ने कहा कि भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है. जब एक विकासशील देश, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम सफलतापूर्वक चलाता है, 50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है, तो उसके साथ बनी संवेदनशील व्यवस्थाएं पूरी दुनिया को एक नया मार्ग दिखाती हैं. हमारे देश की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है. हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिव देखती है.
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