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This Article is From Aug 31, 2022

PM मोदी 2 सितंबर को पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत को नौसेना में शामिल करेंगे, नया नेवी एन्साइन भी जारी करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रथम स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ को दो सितंबर को भारतीय नौसेना में शामिल किये जाने के दौरान इसके (नौसेना के) एक नये ‘निशान’ (Ensign) का अनावरण करेंगे.

PM मोदी 2 सितंबर को पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत को नौसेना में शामिल करेंगे, नया नेवी एन्साइन भी जारी करेंगे
यह पहला ऐसा पोत है, जिसे पूरी तरह से स्वदेश में बनाया गया है.
नई दिल्ली:

पीएम मोदी दो सितंबर को कोच्चि में आईएनएस विक्रांत के जलावतरण के साथ ही भारतीय नौ सेना के नए निशान (Ensign) का भी अनावरण करेंगे. यह ब्रिटिश राज की निशानियों से मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस साल पंद्रह अगस्त को लाल क़िले से पीएम ने पंच प्रणों में ग़ुलामी की निशानियों से मुक्ति की बात भी कही है. उन्होंने इस दिशा में कई कदम उठाए

अंग्रेजों के जमाने के 1500 से ज़्यादा क़ानून ख़त्म कर दिए गए. हीटिंग द रिट्रीट समारोह से अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही अबाइड विद मी धुन हटा कर कवि प्रदीप की ऐ मेरे वतन के लोगों शामिल की गई. आम बजट पहले फ़रवरी के अंतिम दिन होता था. अरुण जेटली ने इसे फ़रवरी के पहले दिन रखना शुरु किया. रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया जो पिछले ९२ साल से अलग से पेश होता था.

इंडिया गेट पर छतरी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस का होलोग्राम लगाया गया जो बाद में मूर्ति में तब्दील किया जाएगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई पर ज़ोर दिया गया. पीएम ने हाल ही में कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लब भारत गैलरी का शुभारंभ किया. पीएमओ ने बताया कि मोदी एक-दो सितंबर को कर्नाटक और केरल में कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे, जिसमें कोचीन हवाईअड्डे के पास कलाडी गांव में आदि शंकराचार्य के जन्मस्थान का दौरा भी शामिल है. पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री मंगलुरु में करीब 3,800 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मोदी आत्मनिर्भरता के प्रबल समर्थक रहे हैं, खासकर रणनीतिक क्षेत्रों में, और ‘आईएनएस विक्रांत' का नौसेना में शामिल होना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. यह पहला ऐसा पोत है, जिसे पूरी तरह से स्वदेश में बनाया गया है. भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया और सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित ‘आईएनएस विक्रांत' अत्याधुनिक ऑटोमेशन सुविधाओं से लैस है. यह भारत के समुद्री इतिहास में देश में निर्मित अब तक का सबसे बड़ा पोत है.

पीएमओ के अनुसार, विमान वाहक पोत का नामकरण उसके पूर्ववर्ती ‘आईएनएस विक्रांत' के नाम पर किया गया है, जो भारत का पहला विमान वाहक पोत था और जिसने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि पोत में बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी लगाई गई है, जिनका निर्माण देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों) ने किया है.

पीएमओ के मुताबिक, ‘आईएनएस विक्रांत' के नौसेना में शामिल होने के साथ भारत के पास दो क्रियाशील विमान वाहक पोत हो जाएंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मोदी नए नौसैनिक ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे, जो औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप होगा.

पीएमओ के अनुसार, मंगलुरु में प्रधानमंत्री ‘बर्थ संख्या14' के मशीनीकरण से जुड़ी 280 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य न्यू मैंगलोर बंदरगाह प्राधिकरण में कंटेनर और अन्य कार्गो के बेहतर प्रबंधन की क्षमता विकसित करना है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मशीनीकृत टर्मिनल से दक्षता बढ़ेगी और बंदरगाह पर प्रक्रिया को अंजाम देने तथा माल ढुलाई के समय में लगभग 35 फीसदी तक की कमी आएगी.

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पीएमओ के मुताबिक, परियोजना के पहले चरण को स‍फलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, जिससे बंदरगाह की ढुलाई-भंडारण क्षमता में 4.2 एमटीपीए का इजाफा हुआ है और साल 2025 तक यह वृद्धि 6 एमटीपीए तक पहुंचने की संभावना है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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