- पीएम मोदी 28 अक्टूबर को सुबह वासुदेव घाट पर डुबकी लगाएंगे, जो दिल्ली का सबसे खूबसूरत घाट माना जाता है
- वासुदेव घाट पर यमुना नदी के किनारे अस्थायी तालाब बनाए गए हैं, सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं
- दिल्ली में पूर्वांचल, बिहार और झारखंड से आए लोगों की जनसंख्या 30 प्रतिशत है, जहां छठ पूजा का उत्साह बढ़ा है
दिल्ली के वासुदेव घाट पर मंगलवार सुबह आठ बजे के करीब प्रधानमंत्री डुबकी लगा सकते हैं. हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. साल 2024 में वासुदेव घाट को आम जनता के लिए खोला गया था. करीब 16 हेक्टेयर में फैला ये घाट दिल्ली का सबसे खूबसूरत घाट माना जाता है. दिल्ली में इस घाट की अहमियत इसलिए ज्यादा है, क्योंकि सबसे पहली यमुना आरती यहीं से शुरू हुई थी. सप्ताह में दो बार यमुना आरती होती है. ISBT के वासुदेव घाट में यमुना नदी के तट पर अस्थायी तालाब बनाया गया है. सुरक्षा के लिहाज से कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.
वासुदेव घाट के दोनों तरफ भगवान सूरज के अर्घ्य देने के लिए विशेष अस्थायी घाट तैयार किए गए हैं. इसी अस्थायी घाट पर विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाया है. आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अस्थायी तालाब में फिल्टर पानी भरा गया है. ISBT में बह रही यमुना नदी का BOD कम हुआ है, लेकिन अभी भी स्नान करने लायक नहीं है. यही वजह है कि एक हजार से ज्यादा स्थायी और अस्थायी तालाब बनाए गए हैं. छठ पूजा के श्रद्धालुओं के लिए विशेष तरीके का घाट बनाया गया है. आइए जानते हैं कि वासुदेव घाट में कैसी तैयारियां चल रही हैं और डुबकी प्रधानमंत्री जहां लगाएंगे.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दो दिन पहले कश्मीरी गेट के पास यमुना किनारे वासुदेव घाट पर छठ पूजा की तैयारियों का जायजा लिया था. दिल्ली सरकार यमुना नदी के किनारे 17 आदर्श घाट बना रही है. जबकि दिल्ली में करीब एक हजार घाट बनाए गए हैं. इससे छठ पूजा के दौरान भीड़भाड़ का सामना श्रद्धालुओं को नहीं करना पड़ेगा.

Delhi
यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के पास छठ घाट को दोबारा खोला गया है. इससे लक्ष्मी नगर और पांडव नगर जैसे मोहल्लों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा. पिछले 10-15 सालों में छठ पूजा दिल्ली में श्रद्धालुओं का उत्साह काफी बढ़ा है. दिल्ली में पूर्वांचल, बिहार और झारखंड से आए लोगों की जनसंख्या करीब 30% है.

Vasudev Ghat
दिल्ली विकास प्राधिकरण, जल निगम और दिल्ली में भाजपा सरकार इस बार छठ पूजा में कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती. बिहार में चुनाव को लेकर भी पूर्वांचली वोटरों को लुभाने का प्रयास किया गया है.
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