- बिहार के नवादा जिले में इस बार तेरह महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जो छठ पूजा से जुड़ी हुई हैं
- कांग्रेस की नीतू कुमारी, रजौली से राजद की पिंकी भारती और गोविंदपुर से लोजपा की विनिता मेहता छठ व्रत करती हैं
- छठ व्रत में लगे महिला प्रत्याशी पूजा के माध्यम से समाज और राज्य की खुशहाली की कामना कर रही हैं
बिहार में इन दिनों लोकआस्था का महापर्व छठ और लोकतंत्र का महापर्व चुनाव का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है. दोनों पर्व एक साथ अपनी चरम अवस्था में है. माहौल भक्ति और राजनीति के रंग में रचा-बसा है. प्रत्याशी दोहरी भूमिका निभा रही है. एक ओर गांव-गांव में छठी मैय्या के गीतों की गूंज है, तो दूसरी ओर प्रत्याशी घर-घर जाकर जनसमर्थन जुटाने में लगे हैं. बिहार के नवादा जिले की कई महिला प्रत्याशी इस बार आस्था और राजनीति, दोनों की कसौटी पर खरी उतरने की कोशिश में जुटी हैं.
दरअसल, नवादा जिले से 13 महिलाएं चुनावी रण में हैं. इनमें हिसुआ से कांग्रेस की नीतू कुमारी, रजौली से राजद की पिंकी भारती, गोविंदपुर से लोजपा (रामविलास) की विनीता मेहता छठ व्रती हैं. ये सभी 11 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले जनता और जनार्दन से संतुलन बनाने में जुटी हैं. इसके लिए दोनों को साध रहीं है.
नीतू, विनिता और पिंकी कर रहीं छठ
हिसुआ से कांग्रेस प्रत्याशी नीतू कुमारी, रजौली सुरक्षित से राजद की पिंकी भारती और गोविंदपुर से लोजपा (आर) की विनीता मेहता स्वयं छठ व्रत कर रही हैं. ये सभी छठ पूजा में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. नीतू कुमारी बताती हैं कि वह पिछले दस वर्षों से छठ का व्रत रख रही हैं और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानती हैं. परिवार, समाज और राज्य की खुशहाली की कामना करती हूं. दूसरी तरफ, पिंकी भारती मानती हैं कि छठ उनकी शक्ति और प्रेरणा का स्रोत है, जिससे उन्हें जनता की सेवा करने की ऊर्जा मिलती है. जबकि एलजेपी आर प्रत्याशी विनिता मेहता मानती हैं कि छठ आत्म अनुशासन का पर्व है. छठी मइया से समाज की खुशहाली की कामना करती हूं.
कई प्रत्याशी व्रतियों की सेवा कर रही
वहीं कुछ प्रत्याशी स्वयं व्रत न रखते हुए छठ व्रतियों की सेवा में लगे हैं. नवादा की जेडीयू प्रत्याशी विभा देवी ने स्वास्थ्य कारणों से इस बार व्रत नहीं किया, लेकिन वह भी भगवान भास्कर की पूजा प्रार्थना में जुटी हैं. यही नहीं, वारिसलीगंज की बीजेपी प्रत्याशी अरुणा देवी ने कहा कि वह कई सालों से छठ करती रही हूं. लेकिन अस्वस्थ हूं. इसलिए नही कर पाई. लेकिन व्रतियों की सेवा कर रही हूं.
लोक आस्था और लोकतंत्र का अद्भुत संगम
छठ में इन महिला प्रत्याशियों की भागीदारी लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है. एक तरफ वे जनता से आशीर्वाद मांग रही हैं, तो दूसरी ओर भगवान सूर्य से अपने क्षेत्र की उन्नति की प्रार्थना कर रही हैं. इस तरह नवादा में लोक आस्था और लोकतंत्र का संगम एक अद्भुत तस्वीर पेश कर रहा है, जहां छठ की भक्ति में डूबा जनमानस और चुनावी जोश से भरे प्रत्याशी, दोनों ही अपने-अपने तरीके से भागीदारी निभा रहे हैं.
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