Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ''ऑपरेशन गंगा'' (Operation Ganga) के अंतर्गत चल रहे प्रयासों की समीक्षा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने आज अपनी दूसरी उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी 24 घंटे काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वहां सभी भारतीय सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि यू्क्रेन के नजदीक के देशों में विशेष दूतों के तौर पर चार वरिष्ठ मंत्रियों की यात्रा, फंसे लोगों की सुरक्षित निकासी के प्रयासों को और गति/ऊर्जा प्रदान करेगी. यह इस बात को दर्शाता है कि सरकार, इस मामले को (यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी को) कितनी प्राथमिकता देती है.
PM @narendramodi chaired a high level meet,his second today,to review the ongoing efforts under #OperationGanga to bring back Indians stranded in Ukraine.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) February 28, 2022
PM said that the entire government machinery is working round the clock to ensure that all Indians there are safe & secure.
गौरतलब है कि इससे पहले, यूक्रेन संकट को लेकर सोमवार सुबह भी एक बैठक हुई थी जिसमें फैसला लिया गया था कि सरकार के शीर्ष मंत्री यूक्रेन की सीमा से लगे देशों में पहुंचकर फंसे भारतीय स्टूडेंट को सुरक्षित निकालने के मामले में समन्वय स्थापित करेंगे. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वीके सिंह, भारत के विदेश दूत के तौर पर निकासी में मदद के लिए यूक्रेन से लगे देश जाएंगे और यूक्रेन के फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने की व्यवस्था की 'निगरानी' करेंगे.ज्योतिरादित्य सिंधिया जहां रोमानिया और माल्दोवा के इंचार्ज होंगे, वही रिजिजू स्लोवाकिया की उड़ान भरेंगे. इसी कम्र में हरदीप पुरी हंगरी और वीके सिंह पोलैंड में मौजूद रहेंगे.
बता दें, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से भारत यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने का भरसक प्रयास कर रहा है. यूक्रेन में फंसे लोगों में अधिकांश स्टूडेंट हैं जो पढ़ाई के लिए वहां गए थे. सरकार भारतीयों को वापस लाने के लिए विशेष विमान भेज रही है. इस बीच, विदेश मंत्रालय ने आज कहा, "संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स को देश (यूक्रेन) के पश्चिमी हिस्से की ओर बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए और आसपास की जगहों में रहना चाहिए तथा सीधे सीमा पर नहीं पहुंचना चाहिए.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें (स्टूडेंट्स को) अधिकारियों के साथ को-ऑर्डिनेट करने के बाद ही पड़ोसी देश पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा की सीमा पार करने के लिए जाना चाहिए.यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले विदेश मंत्रालय की पहली एडवाइजरी के बाद से 8,000 से अधिक भारतीयों के यूक्रेन छोड़ने का अनुमान है. बागची ने कहा, "ऑपरेशन गंगा के तहत 6 फ्लाइटों के जरिये अब तक 1,396 स्टूडेंट्स को भारत पहुंचाया गया है."
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