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प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा से चीन, पाक और अमेरिका को बड़ा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी पांच से 8 जुलाई के बीच ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील में रहेंगे. यात्रा के आखिरी चरण में वो नामीबिया जाएंगे.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से आठ दिनों के लिए विदेश जा रहे हैं. वो पांच देशों के दौरे पर होंगे. इनमें ब्रिक्स का सम्मेलन भी शामिल है, जो ब्राजील में हो रहा है. ये दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी दौरा है. तो इस दौरे के कूटनीतिक और आर्थिक असर भी काफी दूर तक पड़ने के आसार हैं. अबकी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की यात्रा पर ही निकले हैं लेकिन पूरे आठ दिनों तक वो देश से बाहर रहेंगे. नई दिल्ली से बुधवार को उनका विमान उड़ान भरेगा तो सबसे पहले वो घाना पहुंचेंगे. घाना से प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिनाद और टोबैगो पहुंचेंगे. वहां से प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना जाएंगे.

प्रधानमंत्री मोदी पांच से 8 जुलाई के बीच ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील में रहेंगे. यात्रा के आखिरी चरण में वो नामीबिया जाएंगे. जब भारत 22 साल बाद दुनिया के सबसे ताकतवर देश के रूप में खुद को देख रहा हो, उस वक्त ये यात्रा काफी अहम हो जाती है. ब्राजील के सबसे बड़े शहर रियो डी जेनेरियो में 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पांच जुलाई को शुरु होने जा रहा है. ये सम्मेलन इसलिए काफी अहम है कि दुनिया की कुल आबादी के 49.5 फीसदी हिस्से का ब्रिक्स प्रतिनिधित्व करता है. ग्लोबल जीडीपी का करीब 40 फीसदी हिस्सा ब्रिक्स से आता है. विश्व व्यापार का 26 फीसदी प्रतिनिधित्व ब्रिक्स करता है.

टैरिफ वॉर के बीच ब्रिक्स सम्मेलन है अहम 

भारत के लिए इसलिए अहम है कि अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच भारत की बढ़ती ताकत को दिखाएगा. उसी तरह आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत प्रस्ताव पास हो सकता है. साथ भी भारत के लिए ब्रिक्स का ये सम्मेलन इसलिए अहम है कि अगले साल ब्रिक्स की मेजबानी भारत करेगा. दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स सम्मेलन में पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने साफ बताया था कि कैसे अत्याधुनिक तकनीक से ब्रिक्स के देश अपने लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं.

अब ब्रिक्स सम्मेलन के जरिए जहां भारत वैश्विक कूटनीति और अर्थनीति में एक अहम भूमिका निभा रहा है, वही चार अन्य देशों में जाकर प्रधानमंत्री मोदी उन देशों से बेहतर संबंधों को खास बना रहे हैं. घाना के साथ भारत का दोतरफा कारोबार 24 हजार करोड़ रुपये का है जिनमें भारत ने घाना में 16 हजार करोड़ रुपयों का निवेश कर रखा है. अर्जेंटीना में भारत के साथ ऊर्जा-रक्षा, तेल और गैस समेत तमाम क्षेत्रों में समझौतों की उम्मीद है. वही त्रिनिनाद और टोबैगो से भारत के पुराने रिश्तों का रिन्यूअल होने जा रहा है. आखिर में नामीबिया में पीएम मोदी भारत के यूपीआई को लागू करने के समझौते को आगे बढ़ा सकते हैं. वहां पीएम मोदी संसद को संबोधित करेंगे और दोनों देश खनिज संपदा और यूनियम के व्यापार और निवेश पर भी चर्चा करेंगे. नामिबिया के साथ रेयर अर्थ मेटल्स पर डील हो गई तो भारत के लिए चीन पर निर्भरता खत्म हो सकती है.

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