केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश कर दिया. वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के पीएम मोदी के लक्ष्य को सामने रखते हुए सीतारमण ने लोकसभा में 84 मिनट तक अपना बजट भाषण पढ़ा.
PM मोदी का स्वागत खास अंदाज में हुआ
सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से कुछ मिनट पहले सदन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत भाजपा सांसदों ने 'भारत माता की जय' और 'जय श्री राम' के नारे के साथ किया तो वहीं जवाब में विपक्षी सांसदों ने 'जय संविधान' का नारा लगाया. निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के दौरान सत्ता पक्ष में आगे की पंक्ति में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी और जेपी नड्डा लगातार मेज थपथपाकर वित्त मंत्री के बजट भाषण की प्रशंसा करते दिखाई दिए.
संसदीय परंपरा के अनुसार सदन के अंदर किसी बात का समर्थन करने के लिए तालियां नहीं बजाई जाती बल्कि मेज थपथपाकर ही समर्थन या तारीफ की जाती है.
पिछले कुछ वर्षों की तुलना में देखा जाए तो इस बार के बजट भाषण के दौरान विपक्षी सांसदों की तरफ से कोई बहुत ज्यादा हंगामा नहीं किया गया. वित्त मंत्री जब बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष फंड की घोषणाएं कर रही थी तो उस समय कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने एक-दो बार उठकर विरोध जताते हुए बाकी राज्यों का भी मुद्दा उठाया.
विपक्षी बेंच की तरफ से कभी-कभी टोकाटाकी तो हुई, लेकिन बहुत ज्यादा हंगामा या हो-हल्ला नहीं हुआ. वित्त मंत्री ने बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने का दावा करते हुए नौ प्राथमिकताओं को गिनाया. उन्होंने कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान और विकास एवं अगली पीढ़ी के सुधार पर फोकस का दावा करते हुए बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की.
वित्त मंत्री ने जनता का आभार व्यक्त किया
बजट भाषण की शुरुआत में तीसरी बार जनादेश देने के लिए जनता का आभार जताते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया है और उनके नेतृत्व वाली इस सरकार को ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए पुनः चुना है. हमारी नीतियों के प्रति उनके समर्थन, आस्था और विश्वास के लिए हम आभारी हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं कि सभी धर्म, जाति, लिंग और आयु के भारतीय अपने जीवन के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति करें.
बजट का मुख्य केंद्र
उन्होंने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में कहा गया था, हमें 4 मुख्य समूहों ‘गरीब', ‘महिलाएं', ‘युवा' और ‘अन्नदाता' पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. अन्नदाता के लिए हमने एक महीना पहले सभी मुख्य फसलों के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा कर लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वादा पूरा किया. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा. इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
पर्यावरण के अनुकूल है ये बजट
वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री की 5 योजनाओं और पहलों के पैकेज की घोषणा की गई, जिससे 5 वर्ष की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ होगा. इसके लिए केंद्रीय परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपए का है. इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है. सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अनुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी.
उन्होंने कहा कि किसानों की खेती बाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी. अगले दो वर्षों में पूरे देश में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी, जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी. इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं