प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने शुक्रवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने हिंसा खत्म करने का आह्वान किया है. साथ ही यह भी कहा कि शांति प्रक्रिया में भी किसी भी तरह के योगदान के लिए भारत तैयार है. पीएम मोदी और लावरोव के बीच करीब 40 मिनट मुलाकात चली. हालांकि पीएम मोदी ने पिछले दो हफ्तों में ब्रिटेन, चीन, ऑस्ट्रिया, ग्रीस या मैक्सिको से आए किसी भी मंत्री से कोई मुलाकात नहीं की है.
यह मुलाकात ऐसे वक्त हो रही है, जब रूस से कच्चे तेल औऱ अन्य सामानों की आपूर्ति को लेकर भारत अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है. भारत ने रूस से रूबल-रुपये की अदला-बदली के जरिये बेहतर क्ववालिटी का कच्चा तेल खरीदने का भी संकेत दिया है. इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी. दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई थी. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने विदेश मंत्री की मुलाकात के पहले कहा था कि अगर भारत कुछ भी रूस से खरीदना चाहता है तो उनका देश आपूर्ति पर विचार करने को तैयार है. उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर भारत की मध्यस्थता के सवाल पर कहा कि भारत एक जिम्मेदार देश है.
40 मिनट तक चली दोनों नेताओं के बीच मुलाकात
भारत पर रूस के यूक्रेन पर हमले को लेकर एक रुख अपनाने का लगातार दबाव बढ़ रहा है. लावरोव ने शुक्रवार को पहले कहा था कि वो राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन का एक व्यक्तिगत संदेश प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाना चाहते हैं. लावरोव ने कहा था, राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी नियमित संपर्क में रहते हैं और मैं लौटकर प्रेसिडेंट को वार्ता के बारे में जानकारी दूंगा. उन्होंने पीएम मोदी को अपनी ओर से सम्मान दिखाया है और मैं व्यक्तिगत तौर पर उनका संदेश प्राइम मिनिस्टर तक पहुंचाने का मौका मिलने के लिए उनका शुक्रगुजार हूं.
यूक्रेन संकट में पीएम मोदी के मध्यस्थ के तौर पर भूमिका पर लावरोव ने कहा, अगर भारत समाधान की दिशा में कोई भूमिका निभाना चाहता है, तो भारत ऐसी प्रक्रिया में मदद कर सकता है. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह भेंट ऐसे समय हुई है, जब भारत ने रूस से अधिक मात्रा में कच्चा तेल खरीद का संकेत दिया है. वहीं अमेरिकी डिप्टी एनएसए दलीप सिंह ने कहा है कि जो भी देश इन आर्थिक पाबंदियों को कमजोर करना चाहते हैं या बचने का रास्ता खोज रहे हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस भारत को अच्छी गुणवत्ता का कच्चा तेल 35 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर देने को तैयार है. रूस का प्रयास है कि भारत 1.5 करोड़ बैरल आपूर्ति का समझौता कम से कम इस साल के लिए करे. दुनिया भर में कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों के कारण भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.
भारत ने अपनी तेल-गैस की जरूरतों के लिए बेहतर समझौते करने के अपने फैसले का बचाव किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अगर हम दो तीन महीने बाद देखेंगे कि कौन से देश रूस से तेल-गैस का सबसे बड़ा खरीदार होंगे, तो मुझे संदेह है कि ये सूची पहले जैसी ही होगी, उनका इशारा यूरोपीय देशों की तरफ था.
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