Russia के विदेश मंत्री Ukraine crisis के बीच कहा, वो भारत को जरूरत की हर चीज आपूर्ति को तैयार
नई दिल्ली:
Russian Foreign Minister India Visit : रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि अगर भारत कुछ भी रूस से खरीदना चाहता है तो रूस उसकी आपूर्ति करने पर विचार करने को तैयार है. उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर भारत की मध्यस्थता के सवाल पर भी सकारात्मक रुख दिखाया.
भारत और रूस के विदेश मंत्रियों की मुलाकात की 10 बड़ी बातें
- रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) से मुलाकात की. लावरोव ने कहा कि रूस वो सब कुछ भारत को आपूर्ति करने को तैयार है, जो वो चाहता है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की नई दिल्ली यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है. लावरोव ने कहा है कि अगर भारत उससे कुछ भी खरीदना चाहता है तो रूस उस पर विचार करने को तैयार है और हम दोनों देशों की रजामंदी से सहयोग को आगे बढ़ा सकते हैं.
- रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि अगर भारत कुछ भी रूस से खरीदने का इच्छुक है, तो इस पर वार्ता की जा सकती है और दोनों देशों को स्वीकार्य रास्ते के जरिये सहयोग को और बढ़ाया जा सकता है.
- यूक्रेन संकट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्यस्थ के तौर पर भूमिका की संभावना पर उन्होंने कहा, भारत एक महत्वपूर्ण औऱ जिम्मेदार देश है. अगर भारत समाधान निकालने की दिशा में कोई भूमिका निभाना चाहता है, भारत हमारा साझेदार है, हम यूक्रेन पर सिक्योरिटी गारंटी चाहते हैं, लेकिन पश्चिमी देशों ने अपनी जिम्मेदारी निभाने से इनकार कर दिया... भारत ऐसी प्रक्रिया में मदद कर सकता है.
- यूक्रेन पर हमले को लेकर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के कठोर आर्थिक प्रतिबंधों और दबाव के बीच रूस के विदेश मंत्री की ये नई दिल्ली यात्रा हुई है. इसे बेहद अहम माना जा रहा है.
- दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई है, जब भारत ने रूस से अधिक मात्रा में कच्चे तेल की खरीद का संकेत दिया है. दोनों देश रूबल-रुपये में लेनदेन के समझौते के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं.
- वहीं भारत द्वारा रूस से बड़ी छूट के साथ कच्चा तेल खरीदने के सवाल पर अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने जो भी देश इन प्रतिबंधों को कमजोर करना चाहते हैं या इनसे बचने का दूसरा रास्ता निकालने में जुटे हैं, उन्हें इसके नतीजे भुगतने पड़ सकती हैं.
- अमेरिका ने कहा कि वो भारत द्वारा रूस से तेल औऱ अन्य सामानों की आपूर्ति बढ़ाने की इस कवायद से खुश नहीं है. भारत औऱ अमेरिकी वार्ताकारों के बीच इस मुद्दे को लेकर कई बार वार्ता हो चुकी है.
- ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस युद्ध के पहले भारत को यूराल ग्रेड का कच्चा तेल 35 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर देने को तैयार है. रूस चाहता है कि भारत 1.5 करोड़ बैरल आपूर्ति का कांट्रैक्ट इस साल के लिए करे, जो अब शुरू हो गया है.
- भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए बेहतर डील करने के अपने फैसले का बचाव किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अगर हम 2-3 महीने इंतजार करते हैं और देखें कि कौन रूस से तेल-गैस का सबसे बड़ा खरीदार होगा, तो मुझे संदेह है कि ये लिस्ट उन नामों से इतर नहीं होगी, जो पहले हुआ करती थी.
- भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की खुले तौर पर निंदा नहीं की है और इस मुद्दे पर तटस्थ रुख दिखाया है. भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को लेकर संयुक्त राष्ट्र में आए निंदा प्रस्ताव से गैरहाजिर रहा है.लेकिन साथ ही रूस की ओर से यूक्रेन में लाए गए मानवीय संकट से जुड़े प्रस्ताव से भी उसने दूरी बनाए रखी है.