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This Article is From Jun 25, 2019

कोई इमरजेंसी तो है नहीं जो सरकार जेल में डाल दे, जो जमानत पर हैं वह एन्ज्वाए करें, अदालत उन पर फैसला करेगी : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया कि देश की जनता खुद की बजाए देश की भलाई के लिए सोचते हैं, यह सोच तारीफ के काबिल है. पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए फिर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि आज 25 जून है. 25 जून की तारीख के दिन देश की आत्मा को कुचल दिया गया था.

कोई इमरजेंसी तो है नहीं जो सरकार जेल में डाल दे, जो जमानत पर हैं वह एन्ज्वाए करें, अदालत उन पर फैसला करेगी : पीएम मोदी
  • राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा
  • पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कसा तंज
  • कहा- ऊंचाई आपको मुबारक
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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बिना नाम लिए कांग्रेस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, आपकी ऊंचाई आपको मुबारक हो. आप इतना ऊंचा चले गए हैं कि जमीन दिखनी बंद हो गई है, जड़ों से उखड़ गए हैं.' पीएम मोदी ने कहा कि हमें किसी की लकीर की छोटा करने में अपना वक्त बर्बाद नहीं करते हैं. भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हमने 'फलाने' को जेल क्यों नहीं भेजा, देश में इमरजेंसी नहीं लगी है कि किसी को भी जेल भेज दें. कानून अपने हिसाब से काम करेगा और जिन लोगों को जमानत मिल रही है वह एन्ज्वाए करें. पीएम मोदी ने कहा कि पता है कि 70 सालों से चली आ रही चीजों को बदलने में वक्त लगता है. हमने अपना लक्ष्य नहीं बदला है. हमें आगे बढ़ना है फिर चाहे इन्फ्रास्ट्रक्चर हो या स्पेस. पीएम मोदी ने कहा कि मैं चुनाव को हार या जीत की दृष्टि से नहीं देखता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि कई दशकों के बाद जनता ने इतना मजबूत बहुमत देकर किसी सरकार को दोबारा सत्ता दी है.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोले पीएम मोदी- जिसका कोई नहीं उसके लिए सिर्फ सरकार होती है 

पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया कि देश की जनता खुद की बजाए देश की भलाई के लिए सोचते हैं, यह सोच तारीफ के काबिल है. पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए फिर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि आज 25 जून है. 25 जून की तारीख के दिन देश की आत्मा को कुचल दिया गया था. आपातकाल किसने थोपा था. क्या हम उस दिन काले दिन को भूला सकते हैं. 

इसके पहले पीएम मोदी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए पहली बार सदन में आए डॉ. प्रताप सारंगी जी और आदिवासी समाज से आईं हिना गावित जी का जिक्र करते हुए कहा, जिस प्रकार से विषय को प्रस्तुत किया और जिस बारीकी से बातों को रखा, तो मैं समझता हूं कि मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा. उन्होंने कहा कि ये कोई जीत या हार का प्रश्न नहीं है. ये जीवन की उस आस्था का विषय है, जहां कमिटमेंट क्या होता, डेडिकेशन क्या है, जनता के लिए जीना-जूझना-खपना क्या होता है. और जब पांच साल की अविरत तपस्या का संतोष मिलता है तो वो एक अध्यात्म की अनुभूति करता है.

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