इस बार पीएम मोदी लगातार 11वीं बार लाल क़िले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे. जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार 11 बार देश को संबोधित करने वाले नरेंद्र मोदी दूसरे पीएम बन जाएंगे. पीएम मोदी अपनी तीसरी पारी की शुरुआत में सरकार की प्राथमिकताएं देश के सामने रख सकते हैं और भारत को विकसित देश बनाने का रोड मैप के बारे में भी बता सकते हैं. इस स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी के ख़ास मेहमान लाल क़िले पर मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी की बताई चार जातियों के नुमाइंदे भी मौजूद होंगे. पीएम मोदी की बताई चार जातियों गरीब, युवा, किसान और महिला वर्ग के नुमाइंदों को ख़ास तौर से बुलाया गया है. इन चार वर्गों के क़रीब चार हज़ार मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया है.
मेहमानों को 11 श्रेणियों में बांटा गया
कृषि और किसान कल्याण, युवा मामले, महिला और बाल विकास मंत्रालयों को ये जिम्मेदारी दी गई है. किसान, युवा और महिला मेहमानों को बुलाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. इनके अलावा पंचायती राज और ग्रामीण विकास, आदिवासी मामले, शिक्षा और रक्षा मंत्रालय ने भी मेहमानों की सूची तैयार की है. वहीं नीति आयोग भी मेहमानों को आमंत्रित कर रहा है. बताया जा रहा है कि ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों को भी आमंत्रित किया जा सकता है. कुल मिला कर 18000 से ज़्यादा लोग स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
कश्मीर में 'तिरंगा' रैली का आयोजन
स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में सोमवार को एक विशाल 'तिरंगा' रैली आयोजित की गई. इस रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. अनुमान के मुताबिक, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अगुआई में आयोजित इस रैली में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. रैली डल झील के किनारे बॉटनिकल गार्डन से शुरू हुई. प्रतिभागियों ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) तक मार्च किया. रैली बॉटनिकल गार्डन में समाप्त होगी, जहां प्रतिभागी वापस गार्डन की ओर मार्च करेंगे.
'तिरंगा' रैली सरकार के 'हर घर तिरंगा' अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लोगों को अपने घर पर झंडा लगाने और भारत की स्वतंत्रता को चिह्नित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है. शनिवार को भी केंद्र शासित प्रदेश के कई जिलों में तिरंगा रैलियां निकाली गई थीं. 5 अगस्त 2019 को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर देश के बाकी हिस्सों के साथ पूरी तरह से मिल गया. 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की एकता और अखंडता का एक शक्तिशाली संदेश देने के लिए सभी सरकारी भवनों, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराना अनिवार्य कर दिया गया.
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)
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