
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक दिन के दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे, जहां उन्होंने मुखबा गांव में मां गंगा की पूजा-अर्चना की और हर्षिल में लोगों को संबोधित किया. लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक नए तरह के पर्यटन की बात कही. उन्होंने कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है. सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है. यह स्पेशल इवेंट बन सकता है. और गढ़वाली में घाम तापो पर्यटन कह सकते हैं. पीएम मोदी का यह आईडिया लोगों को बेहद पंसद आया और लोग खुशी में सीटियां बजाने लगे.
'घाम तापो...' : PM मोदी ने उत्तराखंड की हर्षिल रैली में ऐसा क्या आइडिया दिया कि सीटियां बज गईं#PMModi | #Uttarakhand pic.twitter.com/TvNY2IYnf3
— NDTV India (@ndtvindia) March 6, 2025
उत्तराखंड में कोई भी सीजन... ऑफ सीजन ना हो: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि अभी कल ही केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. केदारनाथ रोपवे बनने के बाद जो यात्रा 8 से 9 घंटे में पूरी होती है, अब उसे लगभग 30 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा. इससे बुजुर्गों, बच्चों के लिए केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी. उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही है. चारधाम All Weather Road, आधुनिक एक्सप्रेस वे, राज्य में रेलवे, विमान और हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार पिछले 10 वर्षों में तेजी से हुआ है.
अपने टूरिज्म सेक्टर को diversify करना... बारहमासी बनाना... उत्तराखंड के लिए बहुत जरुरी है. मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड में कोई भी सीजन... ऑफ सीजन ना हो... हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे.

आखिरी गांव नहीं प्रथम गांव: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि 1962 में जब चीन ने भारत पर हमला किया तो जादूंग गांव को खाली करवा दिया गया था. तब से यह गांव खाली थी. हमने इन गांवों को फिर से बसाने और टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने का अभियान चलाया है. पहले सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव कहा जाता था. हमने यह सोच बदल दी. हमने कहा यह हमारे आखिरी गांव नहीं है, अब यह हमारे प्रथम गांव हैं. हमने वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की है.
हर साल 50 लाख पर्यटक पहुंच रहे हैं उत्तराखंड
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले हर साल औसतन 18 लाख यात्री आते थे अब हर साल 50 लाख यात्री आते हैं. 50 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन को विकसित किया जाएगा. उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों को भी पर्यटन का विशेष लाभ देना है.
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