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पीएम मोदी और कतर के अमीर की मुलाकात, दोनों देशों में किन मुद्दों पर हुआ करार; जानें

कतर के अमीर की भारत की यह दूसरी यात्रा है. इससे पहले वह मार्च 2015 में भारत आए थे. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते 70 के दशक में शुरू हुए थे.

पीएम मोदी और कतर के अमीर की मुलाकात, दोनों देशों में किन मुद्दों पर हुआ करार; जानें
नई दिल्ली:

पीएम मोदी ने मंगलवार को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-सानी से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की.  इससे पहले, कतर के अमीर को राष्ट्रपति भवन में ‘गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका स्वागत किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे. विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ पीएम मोदी ने हैदराबाद हाउस में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी का गर्मजोशी से स्वागत किया. यह भारत-कतर की विशेष साझेदारी में एक नया मील का पत्थर है.''

भारत- कतर में अहम समझौते पर हस्ताक्षर

भारत और कतर के बीच आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने और राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए संशोधित समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की मौजूदगी में दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया और हाथ मिलाया. कतर के अमीर की यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ती बहुआयामी साझेदारी को और गति प्रदान करेगी. 

प्रतिनिधिमंडल स्तर की हुई बातचीत

पीएम मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई वरिष्ठ मंत्रियों के साथ वार्ता का नेतृत्व किया. कतर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-सानी ने किया. कतर के अमीर ने मंत्रियों से भी बातचीत की. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अमीर के साथ आए कतर के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की. कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी सोमवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे. 

जयशंकर की भी कतर अमीर से मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने के बाद कतर के अमीर से मुलाकात की. कतर के अमीर के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल है. वे इससे पहले मार्च 2015 में राजकीय यात्रा पर भारत आए थे. कतर में रहने वाला भारतीय समुदाय देश का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है और कतर की प्रगति और विकास में इसके सकारात्मक योगदान के लिए इसकी सराहना की जाती है.

कतर के अमीर का पीएम मोदी ने किया स्वागत

पीएम मोदी ने सोमवार शाम को कतर के अमीर का हवाई अड्डे पर स्वागत किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ अपने भाई, कतर के अमीर एच एच शेख तमीम बिन हमद अल थानी का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे गया. भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं और कल हमारी होने वाली बैठक को लेकर उत्सुक हूं.'' विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतर के अमीर की यात्रा ‘‘हमारी बढ़ती बहुमुखी साझेदारी को और गति प्रदान करेगी.''

भारत के लिए कतर क्यों खास

भारत और कतर के बीच कूटनीतिक रिश्ते 70 के दशक में शुरू हुए थे. साल 1973 में कतर ने भारत में अपने दूतावास के लिए पहले चार्ज द अफ़ेयर्स की नियुक्ति की, इसके बाद 1974 में क़तर ने अपना पहला राजदूत भारत में नियुक्त किया. लेकिन भारत के साथ क़तर के अच्छे रिश्ते की नींव पहले ही पड़ चुकी थी. 1940 में क़तर ने दुखन तेल भंडार को खोजा. फिर दो दशक के बाद एक और तेल भंडार का पता चला. जिसकी वजह से कतर की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी हुई. जिसमें विदेश से काम करने आए लोगों की अहम भूमिका रही. साल 1990 तक कतर में काम करने वाले विदेश से आए लोगों में भारतीय कामगारों की संख्या 50 लाख तक पहुंच गई थी. ये उसकी आबादी का लगभग एक तिहाई थी. इसके सात ही कतर और भारत के बीच व्यापार भी बढ़ रहा था. भारत कतर से तेल, लिक्विफ़ाइड नैचुरल गैस (एलएनजी) ख़रीद रहा है.

ऊर्जा जरूरतों के लिए एक सुरक्षित विकल्प

भारत में ऊर्जा की खपत बढ़े पैमाने पर होती है, इसलिए भारत को ऊर्जा संसाधनों की भी जरूरत है. ऐसे में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के लिए कतर भारत के लिए बढ़िया विकल्प है. कतर भारत का सबसे बड़ा LNG सप्लायर है. भारत कतर से 50 प्रतिशत LNG खरीदता है. जरूरत का 30% LPG उपलब्ध कराता है. एक अहम बात ये भी है कि कतर का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर भी है.

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