बिहार में वर्तमान राजनीतिक संकट में नरेन्द्र मोदी का हाथ होने के नीतीश कुमार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि यह स्थिति जदयू के आंतरिक कलह के कारण पैदा हुई।
संसदीय कार्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जनता दल (युनाइटिड) के नाम में युनाइटिड (एकीकृत) है लेकिन वस्तुत: वह बंटे हुए हैं। वे बंटे हुए हैं, एकजुट नहीं है। केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहता हूं। मोदीजी की इसमें कोई भूमिका नहीं है। नीतीश अपनी विफलताओं के कारण मोदी और केंद्र पर आरोप लगा रहे हैं।’’
वेंकैया ने आरोप लगाया, ‘‘आपसे (नीतीश से) किसने कहा था कि आप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और किसने कहा था कि जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाये और अब आप उन्हें (मांझी को) इस्तीफा देने के लिए क्यों कह रहे हैं ? वह मोदीजी और केंद्र पर आरोप लगाना चाहते हैं। उन्हें दुष्प्रचार अभियान बंद करना चाहिए।’’
वेंकैया नायडू ने आरोप लगाया, ‘‘आप (नीतीश) कुछ समय के लिए नाटक करना चाहते थे और यह स्वांग कर रहे थे कि आपने एक दलित (मांझी) को मुख्यमंत्री बनाया है। अब आप एक दलित को मुख्यमंत्री के पद से हटाना चाहते हैं और आप इसका आरोप मोदी पर लगाना चाहते हैं। यह आपकी आंतरिक समस्या है और आपका आंतरिक कलह है।’’ उन्होंने कहा कि जदयू में अंदरूनी उठापटक शुरू हो गई है और वे बंट गए हैं और मांझी को हटाना चाहते हैं।
बिहार विधानसभा में मांझी को विश्वास मत का सामना करने के लिए तिथि के चयन के बारे में जदयू के आरोपों पर वेंकैया ने कहा कि सदन के सत्र की शुरू के लिए 20 फरवरी का समय पहले ही तय किया गया था और राज्यपाल ने उस दिन ऐसा करना तय किया।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘बिहार के राज्यपाल (केशरीनाथ त्रिपाठी) ने कहा कि संविधान पूरी तरह से स्पष्ट है कि शक्तिपरीक्षण सदन में हो। जब विधानसभा पहले ही बुलायी गई है तब राष्ट्रपति के समक्ष दिल्ली में विधायकों की परेड करने का ड्रामा करने की क्या जरूरत थी।’’ केंद्रीय मंत्री ने सदन में इस विषय को निपटाने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा 20 फरवरी को बैठेगी। तब शक्तिपरीक्षण कर लें और सदन को तय करने दें कि आपके पास बहुमत है या नहीं। अगर आप खुद मांझी को हटाना चाहते हैं तब ऐसा करें.. यह आपका विकल्प है। हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है।’’
वेंकैया ने कहा कि पहले उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया और अब वे चाहते हैं कि उन्हें मुख्य विपक्षी दल के रूप में मान्यता दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्ट, साम्प्रदायिक और जातिवादी तत्व भाजपा के खिलाफ साथ आ गए हैं। भाजपा अब इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और इस दिशा में पहल कर रही है।
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